Vishva Ke Mahan Bhashan by Ed. Sushil Kapoor

विश्व के महान् भाषण—सं. सुशील कपूर

“अब हमें पूर्ण संकल्प लेना चाहिए, ताकि शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाए, ताकि इस राष्ट्र में स्वाधीनता का नया जन्म हो, ताकि जनता की सरकार, जनता के द्वारा संचालित सरकार, जनता के निमित्त सरकार इस धरती से विनष्ट न हो जाए।”

—अब्राहम लिंकन

“मैं बंधन और पराधीनता को बिलकुल आवश्यक नहीं मानता। मेरे मन में हर व्यक्ति के लिए हमेशा से सम्मान रहा है; लेकिन हिंसा और गुटबाजी से मुझे नफरत रही है।”

—अल्बर्ट आइंस्टीन

“अपने से पूछिए कि आप भारत के लिए क्या कर सकते हैं। भारत को आज का अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश बनाने के लिए जो भी करने की जरूरत है, करिए।” —ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

“स्व-शासन का अर्थ कौन नहीं जानता? कौन उसे नहीं चाहता? क्या आप यह पसंद करेंगे कि मैं आपके घर में घुसकर आपकी रसोई अपने कब्जे में ले लूँ? अपने घर के मामले निपटाने का मुझे अधिकार होना चाहिए।”—बाल गंगाधर तिलक

विश्व के महान् मनीषियों, विचारकों, राजनेताओं व युग-प्रवर्तकों की ओजस्वी वाणी हमारे अंतर्मन को छू जाती है। अब्राहम लिंकन, अल्बर्ट आइंस्टीन, गैलीलियो गैलिली, जॉन एफ. केनेडी, नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा, मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे विश्व-प्रसिद्ध विदेशियों और महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, बाल गंगाधर तिलक, सुभाषचंद्र बोस, ए.पी.जे अब्दुल कलाम जैसी भारतीय विभूतियों के विचारों में एक समानता है—अपने राष्ट्र, अपने समाज के प्रति चिंता, उनके उत्थान के लिए चिंता।

समाज को दिशा देनेवाले विचारोत्तेजक भाषणों एवं विचारों का प्रेरक संकलन।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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