Garhen Apna Jeewan by Mukul Kanitkar
क्या ऐसी कोई विधि हो सकती है, जिसमें आंतरिक व सामाजिक दोनों स्तरों पर सफलता पाई जा सकती है? इसी विधि को लिपिबद्ध करने का विनम्र प्रयास है यह पुस्तक—गढें अपना जीवन। व्यक्तित्व विकास के समग्र आयामों को इसमें संकलित किया गया है। यह पुस्तक व्यक्तित्व के पूर्ण विकास की मार्गदर्शिका बनाने का एक प्रयास है। चरित्र का गठन हो गया तो चरितार्थ की चिंता नहीं रहेगी। पद, पैसा और प्रतिष्ठा स्वयं ऐसे सार्थक व्यक्तित्व के पीछे भागेंगे। ‘गढें अपना जीवन’ केवल कुछ युक्तियाँ नहीं हैं, यह एक वैज्ञानिक विधि है।
इस पुस्तक में जीवन को सार्थक बनाने का जो तंत्र सुझाया है, वह भी समय की कसौटी पर बार-बार परखा हुआ है। यह विधि-समस्त शिक्षा पद्धति का आधार बननी चाहिए। जैसा इस पुण्यभू भारत में समय-समय पर होता रहा है, चरित्र-निर्माण एक सामान्य जीवन-प्रक्रिया बन जाए। उदात्त चरित्र के लोग अपवाद में नहीं, अपितु समाज का प्रत्येक व्यक्ति ही उदात्त चरित्र का बने। यह पुस्तक उन तत्त्वों व उनके व्यावहारिक प्रयोग को बताने का विनम्र प्रयास है, जो ऐसे आदर्श समाज-रचना का आधार बने।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.