Dilli Chalo by Renu Saini

माँ भारत के सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस का दिव्य व्यतित्व एक दीपक नहीं, बल्कि एक सूरज बनकर हम सबके जीवन को प्रकाशमान कर रहा है। उन्होंने कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा व अस्तित्व को देश पर न्योछावर करने का प्रण कर लिया था। अनेक अत्याचार और बाधाओं के बावजूद उन्होंने अपने आप को कमजोर नहीं पड़ने दिया, बल्कि अपनी अद्भुत जिजीविषा का परिचय देकर अपनी अप्रतिम संगठन शति का परिचय दिया। सुभाषचंद्र बोस के जीवन का केवल एक लक्ष्य था—आजादी। उन्होंने हर एक भारतीय से कहा, ‘‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा।’’ सुभाषचंद्र बोस बड़े-से-बड़े जोखिम से टकर लेते थे, योंकि वे इस बात को जानते थे कि बिना जोखिम की सफलता ऐसी विजय की तरह है, जिसमें गौरव न हो।
सुभाषचंद्र बोस के अचल विश्वास और कार्यों ने संपूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया था। उस समय सुभाषचंद्र बोस का अस्तित्व ही ब्रिटिशों के लिए खतरे की घंटी बन गया था। उन्हें ज्ञात हो गया था कि सुभाषचंद्र बोस अब भारत में उनके साम्राज्य को अधिक दिनों तक न रहने देंगे; और हुआ भी यही। सुभाषचंद्र बोस ने अपना संपूर्ण जीवन भारतमाता के चरणों में समर्पित कर दिया।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के प्रेरणाप्रद जीवन, उनकी दूरदर्शिता, संगठनात्मक कौशल व कूटनीति को छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करती है यह पठनीय पुस्तक।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Dilli Chalo by Renu Saini”