Bhoole- Bisare Krantikari by Dr. Shyam Singh Tanwar/Smt. Mradulatar
इस कसौटी पर 21वीं सदी के दूसरे दशक में पहला यक्षप्रश्न यह है— गांधी के स्वराज को सुराज बनाना है, भारत को महान् बनाकर इतिहास लिखना है, मानसिकता बदलनी है, सेक्युलर भारत को वैदिक भारत बनाना है?
सन् 1962 के चीन-भारत युद्ध में हुए शहीदों की दासता तो अभी भी हेंडरसन रिपोर्ट के अंदर ठंडे बस्ते में बंद पड़ी है, उन्हीं शहीदों की व्यथा-गाथा का एक प्रामाणिक तथ्य सन् 1962 के युद्ध के 48 साल बाद 2010 में उजागर होकर हमारे स्वतंत्र भारत के शासन व सा पर एक प्रश्नचिह्न लगा दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपनी व्यवस्थागत सात्मक प्रणाली देशभतों और शहीदों के क्रियाकलापों से कितनी अनभिज्ञ तथा उनके बलिदान के प्रति कितनी उदासीन एवं निष्क्रिय है।
वस्तुत: इस पुस्तक के संकलन करने में यही मुय बिंदु है कि जिनको जो देय है, उचित है, उनको दिया जाए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर लेखकद्वय ने दो वर्षों तक शोधकार्य कर इस पुस्तक का संयोजन किया। अत: आशा है कि आखिर कोई तो है, जो इन हुतात्माओं को राष्ट्रीय स्तर पर मान-सम्मान देकर इनकी धूमिल छवि को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करेगा।
अतीत के गहरे नेपथ्य में सायास धकेल दिए गए माँ भारती के वीर सपूतों, राष्ट्राभिमानी देशभतों, हुतात्माओं, बलिदानियों का पुण्यस्मरण है यह पुस्तक।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.