Gandhiji Ki Swadesh Wapsi Ke 100 Varsh by Razi Ahmed

9 जनवरी, 1915 को हिंदुस्तान वापसी की ऐतिहासिक घटना के सौ वर्ष पूरा होने की अहमियत के मद्देनजर 9 जनवरी, 2015 को गांधी संग्रहालय, पटना में दो सत्रों में पूरे दिन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। विचार गोष्ठी में जितने भी आलेख प्रस्तुत किए गए या विचार रखे गए, उनमें 9 जनवरी, 1915 का ऐतिहासिक दिन ही उनका केंद्रबिंदु रहा। इस क्रम में अपनी स्वदेश वापसी को गांधीजी ने खुद किस नजर से देखा है, वह भी दिलचस्प है। उन दिनों की गांधीजी की डायरी के पन्नों के अलावा हिंदुस्तान वापसी और हिंदुस्तान को देखने और समझने के सिलसिले में ‘आत्मकथा’ में गांधीजी के अपनी यात्राओं के अनुभवों के आधार पर जो विचार प्रस्तुत किए हैं, वे भी बडे़ रोचक हैं। अत: उसके कुछ पन्ने भी यहाँ प्रस्तुत किए गए हैं। इसके साथ-साथ तत्कालीन प्रेस की उस वापसी पर क्या प्रतिक्रिया हुई थी, उसकी मौलिक जानकारी के लिए उन्हें भी यहाँ प्रस्तुत करना उचित समझा गया है।
9 जनवरी, 2015, यानी गांधीजी की स्वदेश वापसी का शताब्दी समारोह पूरे देश में बड़ी संवेदनशील परिस्थिति में आयोजित हुआ है और यह पुस्तक गांधीजी की विदेश वापसी के 100 वर्षों के बाद उसी घटना संबंधी विचारों को प्रस्तुत करती है, जो पाठकों के लिए बेहद उपयोगी है।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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