Alvida Chunavi Rajneeti by Shanta Kumar

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, विचारक और चिंतक शान्ता कुमार ने अपने छह दशकों के राजनैतिक जीवन में देश की विभिन्न समस्याओं को बहुत करीब से देखा है। उन्हें जब भी अवसर मिला है, उन्होंने इन समस्याओं पर अपनी चिंता ही व्यक्त नहीं की, अपितु अपनी लेखनी के माध्यम से इन समस्याओं के निदान की राह भी सुझाई है। उनके चिंतन का आधार समाज में अंतिम पंक्ति में खड़ा वह व्यक्ति है, जो आजादी के बाद से आज तक सदा उपेक्षित रहा है। इस उपेक्षा ने देश में आर्थिक विषमता का ऐसा जाल फैला दिया है कि समाज का कोई भी वर्ग इसके क्रूर पंजों से बच नहीं पाया है। अमीरी चमक रही है और गरीबी सिसक रही है। बढ़ती जनसंख्या के कारण सरकार के विकास संबंधी सभी प्रयास निरर्थक साबित हो रहे हैं।
छह दशकों की सक्रिय राजनीति के बाद चुनावी राजनीति को सम्मानजनक ढंग से अलविदा कहकर शान्ता कुमार ने सिद्धांतों और मूल्यों की राजनीति को नया आयाम प्रदान किया है, जो निस्संदेह प्रशंसनीय ही नहीं, अनुकरणीय भी है।
आशा है सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विषयों पर पठनीय लेखों के इस संग्रह का पाठक भरपूर स्वागत करेंगे।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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