Bachchan Ke Patra : Umashankar Verma Ke Naam by Umashankar Verma

बच्चनजी हिंदी काव्याकाश के एक जाज्वल्यमान नक्षत्र थे। कवि के रूप में तो वे सफल और सुख्यात थे ही, व्यक्‍ति के रूप में भी अत्यंत सहृदय और उदार थे।
अपने जीवन में उन्होंने ढेरों पत्र लिखे। बच्चनजी के द्वारा उमाशंकर वर्मा को लिखे गए इन पत्रों में अधिकतर निजी बातें ही हैं; किंतु कभी-कभी इनमें साहित्यिक, राजनीतिक एवं अन्य विषयों की भी चर्चा हुई है, जिससे बच्चनजी की रुचियों व मनोभावों पर प्रकाश पड़ता है और उनके व्यक्‍तित्व-कृतित्व के कुछ अन्य पहलू भी उजागर होते हैं।
इस संग्रह में वर्ष 1948 से 1992 तक की लगभग आधी सदी का उनका न सिर्फ अध्ययन, मनन-चिंतन वरन् जीवन ही सूक्ष्म रूप से प्रतिबिंबित है और इस दृष्‍टि से यह पत्र-संग्रह साहित्य-प्रेमियों तथा अनुसंधित्सुओं के लिए अवश्य ही महत्त्वपूर्ण व उपादेय सिद्ध होगा।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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