Benjamin Franklin Ki Atmakatha by Benjamin Franklin
मेरा पैंफलेट संयोगवश किसी लाइओंस नामक सर्जन के हाथों पड़ गया। वे एक लेखक भी थे। उन्होंने ‘इनफैलिबिलिटी ऑफ ह्यूमन जजमेंट’ नामक शीर्षक से पुस्तक भी लिखी थी। इससे हमें आपस में परिचित होने का मौका मिला। मेरी ओर उनका काफी रुझान बढ़ा। वे मुझसे संबंधित विषयों पर चर्चा करने आ जाया करते। उन्होंने मुझे ‘फेबल ऑफ द बीज’ के लेखक डॉ. मानडेविले से परिचित कराया। लाइओंस ने मेरी मुलाकात डॉ. पेंबर्टन से भी कराई, जिन्होंने कभी सर आइजक न्यूटन से मिलने का अवसर उपलब्ध कराने का वादा किया। उनसे (न्यूटन से) मिलने की मेरी बड़ी इच्छा भी थी, लेकिन ऐसा हो न सका।
अब तक मैं लगातार गॉडफ्रे के साथ रहता रहा। वह मेरे घर के एक हिस्से में अपने बीवी-बच्चों के साथ रहता था और दुकान का एक भाग उसने अपने ग्लेजियर व्यवसाय के लिए रखा था। गणित में खोया रहने के कारण वह थोड़ा ही काम कर पाता था। मिसेज गॉडफ्रे ने अपनी रिश्तेदारी में ही एक लड़की से मेरे विवाह की बात उठाई। वह हमें मिलाने के लिए अकसर अवसर निकाल लेती थीं। धीरे से मेरी ओर से प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। चूँकि लड़की भी योग्य थी, मुझे बार-बार भोजन पर बुलाकर और हमें अकेला छोड़कर प्रोत्साहित किया जाता रहा। मिसेज गॉडफ्रे ने हमारी मध्यस्थता की।
—इसी आत्मकथा से
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.