Bharatiya Shiksha Ka Swaroop by Dinanath Batra

नानाथ बत्राजी भारतीय शिक्षा के लिए एक समर्पित योद्धा की तरह आजीवन संघर्ष करते रहे हैं। इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए महान् चिंतक ही नहीं बल्कि देश के सम्मान की खातिर उन्होंने शिक्षा एक्टिविस्ट के रूप में सरकार द्वारा प्रायोजित पाठ्य-पुस्तकों एवं नीतियों में दरशाई गई मनोवृत्ति और विषयवस्तु पर सवाल उठाए।
एक चिंतक के रूप में उन्होंने सभी स्तरों पर तथा सभी आयामों में समसामयिक शिक्षा प्रणाली में मौजूद विसंगतियों के बारे में गहन विचार किया है। लंबे समय तक इनकी सोच, विचार-विमर्श महत्त्वपूर्ण देश की दीर्घ इतिहास, शैक्षिक विचारधारा, परंपरा एवं प्रक्रियाओं पर फोकस है, जिनकी जानबूझकर उपेक्षा की जाती रही है। बत्राजी भारतीय विचारधारा से शैक्षिक पहलू को पुन: जोड़ते हुए शिक्षा के स्वरूप को बदलने की दिशा में पूर्ण निष्ठा से प्रयासरत हैं।
यह पुस्तक विद्वान् लेखक के वर्षों की विचारणा शक्ति तथा अथक संघर्ष का दस्तावेज है। इस पुस्तक में भारत में शिक्षा के विभिन्न पहलुओं की पहचान करके विचार-विमर्श करने के साथ-साथ उनका विश्लेषण किया गया है। इनमें भारतीय शिक्षा के स्वरूप, चरित्र-निर्माण, लड़कियों की शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, भारतीय विज्ञान, भारतीय गणित, प्रोफेशनल संस्थाओं में मूल्य-शिक्षण, विचारों का प्रदूषण, कुछ महान् शिक्षक, ब्रिटिश काल से पूर्व भारतीय शिक्षा, वैकल्पिक शिक्षा, मूल्यांकन और अत्यंत रोचक उपसंहार—शिक्षा की आत्मकथा जैसे विविध विषयों पर विचार व्यक्त किए गए हैं। आशा है, शिक्षा-प्रशासक, अध्यापक, विद्यार्थी तथा सामान्य जन यह पुस्तक पढ़ेंगे, क्योंकि जरूरी है कि व्यापक स्तर पर आम जनता की शिक्षा विषयक अनवरत एवं महत्त्वपूर्ण परिचर्चा में भागीदारी हो।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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