Charles Dickens Ki Lokpriya Kahaniya by Charles Dickens
और एक दिन रात को तो ऐसा हुआ कि लाल चेहरेवाले एक आदमी, जिसने सफेद रंग का हैट लगाया हुआ था, ने घर नं. 3 में जाकर दरवाजा खटखटाया, जिसमें सफेद बालोंवाला एक आदमी रहता था। उस आदमी ने सोचा कि शायद उसकी किसी विवाहित लड़की की समय से पूर्व तबियत खराब हो गई हो, वह अँधेरे में टटोलते हुए सीढि़यों से नीचे उतरा और कई चिटखनियाँ और ताले खोलने के बाद दरवाजा खोला। दरवाजा खोलने पर उसने देखा कि सामने लाल मुँहवाला एक आदमी, जो सफे द रंग का हैट पहने हुए था, खड़ा था और जिसने आधी रात में दरवाजा खटखटाने के लिए माफी माँगी…
इस पर वह लड़का जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने और अपने हथेलियों से अपनी आँखों को रगड़ने लगा, जैसे कि वह रो रहा हो और आँसू पोंछ रहा हो और अपनी अबोधता तथा भोलेपन के आहत होने का नाटक करने लगा। ज्यूरी ने उसी वक्त उसे अपराधी करार कर दिया और वह फिर से आँसू बहाने का नाटक करने लगा। बेंच द्वारा पूछे गए एक सवाल के उत्तर में जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया, ‘‘यह लड़का मेरे चार्ज में पहले भी दो बार जेल में रह चुका है।’’
—इसी संग्रह से
प्रसिद्ध कथाकार चार्ल्स डिकेंस की रोचक-पठनीय-लोकप्रिय कहानियों का संकलन।
| Publication Language |
Hindi |
|---|---|
| Publication Type |
eBooks |
| Publication License Type |
Premium |
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