Chiriya Ur by Poonam Dubey

चिड़िया उड़’ कल्पना की कहानी है। पूरी दास्ताँ है उस लड़की की, जिसकी तेरह साल की उम्र में उसकी दादी के दबाव में गाँव के किसी लड़के के साथ शादी कर दी जाती है। विवाह शब्द को सही से समझ भी नहीं पानेवाली कल्पना की बाकी की बारह साल की जिंदगी तेज बहाव में बह रही डोंगी की तरह होती है, जहाँ उसके पास इकलौता सहारा उसकी पढ़ने की जबरदस्त इच्छा का होता है। वह समझ जाती है कि पढ़ाई ही एक ऐसा हथियार है, जिसके बलबूते पर वह अपनी बंधुआ जिंदगी से निजात पा सकती है। तमाम उतार-चढ़ाव के बीच कल्पना पढ़ाई पूरी करती है। आततायी ससुराल और पति के साथ रहते हुए, उनसे निबटते हुए। अवमानना के कड़वे बोलों का पूँट पीते हुए वह अपना आत्मसम्मान तलाशती है और फिर एक दिन बोझिल हुए तमाम रिश्तों को तिलांजलि देकर ‘स्व’ की तलाश में विश्व-भ्रमण पर निकल पड़ती है। | इस किताब का नाम ‘चिड़िया उड़’ है।उत्तर भारत के लोकगीतों में ‘चिड़िया अकसर बेटी के लिए कहा जाता है और बेटियाँ महज परकटी चिड़िया बनकर रह जातीं हैं, पर इस उपन्यास की नायिका कल्पना उड़ती है।पंख फैलाकर उसी तरह से जैसे वह बचपन में ‘चिड़िया उड़’ खेल खेलते हुए अपने ख्वाबों में उड़ती थी।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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