Dalit-Muslim Rajneetik Gathjod by Dr. Bizay Sonkar Shashtri

‘दलित-मुसलिम एकता’ का भ्रम उत्पन्न करके वास्तव में कुछ नेता आज देश में राजनीतिक आधार पर अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु गठजोड़ बना रहे हैं। एकता एवं गठबंधन तो सामाजिक एवं राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए सकारात्मक क्रियाकलाप के अंतर्गत आता है, किंतु गठजोड़ तो नीति या विचारधारा को ताक पर रखकर सत्ता की भूख मिटाने के लिए किया जाता है। ऐसे में इस प्रकार के गठजोड़ से समाज एवं देश टूटता है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर का मानना था कि अवसरवादी गठजोड़ नहीं, बल्कि समाज के उन्नति के लिए एकता आवश्यक है। राजनीतिक गठजोड़ समान विचारधारा एवं समान कार्यक्रम पर नहीं, अपितु स्वार्थ एवं अनीति पर आधारित सोच से सत्ता की भूख मिटाने का एक साधन है। बुनियादी रूप से डॉ. आंबेडकर दलित-मुसलिम गठजोड़ के विरुद्ध थे। प्रस्तुत पुस्तक में दलित-मुसलिम गठजोड़ पर डॉ. आंबेडकर के विचारों का विस्तृत उल्लेख दिया जा रहा है। इस पुस्तक के माध्यम से डॉ. आंबेडकर के विचारों के आलोक में दलित-मुसलिम गठजोड़ का वास्तविक चेहरा भी सामने आएगा।
‘दलित-मुसलिम राजनीतिक गठजोड़’ नामक इस पुस्तक में स्वार्थपूर्ण राजनीति पर महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर, पंडित नेहरू एवं अन्यान्य नेताओं के विचारों को पढ़ा एवं समझा जा सकेगा। समाज में शुचिता तथा एकता भाव पर आधारित एक सुसंगठित समाज-रचना की दिशा में राजनीतिक योगदान ही इस पुस्तक का लक्ष्य है।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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