Daliton Ke Utthan Mein Babu Jagjivan Ram Ka Yogdan by Dr. Md. Khurshid Alam
बाबू जगजीवन राम का चरित्र यकीनन बहुत विराट् था। उन्होंने दलित उत्थान तथा देश की आजादी एवं राजनीति में अहम योगदान दिया। एक दलित नेता होने के नाते उनका नाम आते ही लोग उनकी तुलना डॉ. भीमराव आंबेडकर से करने लगते हैं, जबकि बाबू जगजीवन राम के बारे में बात करते वक्त उनके व्यक्तित्व को अलग से देखने की जरूरत है। इसकी एक वजह तो यही है कि जहाँ आंबेडकर एक सिद्धांतकार थे, तो वहीं यह नहीं भूलना चाहिए कि बाबू जगजीवन राम कुशल प्रशासक और व्यावहारिक व्यक्ति। इसलिए इन दोनों का काम अपनी-अपनी जगह अलग है। आंबेडकर ने जहाँ संविधान निर्माण और आजादी की लड़ाई में अहम योगदान दिया तो जगजीवन राम का योगदान आजादी की लड़ाई के बाद देश के प्रशासन में भी अहम है। उन्हें सन् 1948 के बाद जो भी विभाग मिला, अगर उनके काम को देखें तो वह उल्लेखनीय है।
इस पुस्तक में उनके जन्म से लेकर अभाव भरे जीवन के साथ-साथ उनकी राजनीति और देश की आजादी में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला
गया है।
अत्यंत सरल और सुबोध शैली में लिखित यह पुस्तक अन्य जीवनियों की तरह बोझिल नहीं होती, वरन् सरस भी बनी रहती है और बाबू जगजीवन राम के विराट् व्यक्तित्व को रेखांकित कर उन्हें प्रेरणापुरुष बनाती है।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.