Desh, Samaj Aur Sanskriti by Dr. Chandar Sonane

चंदर सोनाने की इस पुस्तक के लेख अखबार में लिखे गए नियमित स्तंभ का हिस्सा रहे हैं। अखबार के लिए नियमित लिखना एक कठिन और चुनौती भरा काम है। नित नया और विचारोत्तजक लिखना दायित्व और विवशता दोनों हैं। चंदर सोनाने ने इसके लिए बहुत श्रम किया है। अपने लेखन को रोचक बनाने के साथ ही चंदर ने उसे सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ा है, चाहे वे स्थानीय मुद्दे हों या अखिल भारतीय या विश्व समाज के, उन्हें उसी दायित्व-बोध के साथ सहजता से लिखा है।
चंदर के ये लेख महज एक शहर या देश के बदलाव के संकेत नहीं हैं, बल्कि साथ ही मीडिया और उसकी भाषा के बदलाव पर भी परोक्ष केंद्रित होते हैं। समाज में जिस तरह के बदलाव आ रहे हैं, सूचना और संचार माध्यम उसे किस तरह प्रभावित कर रहे हैं; साथ ही इन सबके नकारात्मक प्रभाव की समझ के साथ ये लेख अपने समय और समाज को कुछ इस तरह प्रस्तुत करते हैं कि उसके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विश्लेषणों की जरूरत पर स्पेस भी बनाते हैं।
इन लेखों में स्थानीयता की झलक के साथ समूचे सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक परिवेश की विसंगतियों की झलक भी है।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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