Divya Sambandhon Ka Mahattva by Aruna Ladva

संबंधों को हम किस प्रकार को निभाते हैं, इस विषय को गहराई से व्यक्त करती है यह पुस्तक। क्या हम उनके प्रति मददगार और उदार हैं या स्वार्थवश केवल लाभ उठाते हैं? किस प्रकार हम अपने संबंधों में संतुष्ट और परिणामदर्शी बन सकते हैं? क्या होता है, जब बातें हमारे मुताबिक नहीं होतीं या समस्याओं से हमारा सामना होता है?
जैसे ही मैंने जीवन और संबंधों के प्रति इस पद्धति का अभ्यास किया तो मैंने महसूस किया कि अब मैं दूसरों को कम दोषी ठहराती थी और अपनी प्रतिक्रियाओं व भावनाओं को और भी कारगर तरीके से सँभाल पाती थी। ऐसा करने से छोटी उम्र से ही एक आत्मविश्वास और आंतरिक ज्ञान की भावना पैदा हुई।
यह पुस्तक किसी भी प्रकार से निश्चित मार्ग-प्रदर्शक नहीं है; बल्कि यह मेरे कुछ विचारों, अवलोकनों और अनुभवों का संकलन है, जो मेरी व्यक्तिगत यात्रा में एकत्र हुए हैं। संभवतः इनमें से कुछ आपको अपने जीवन से संबंधित प्रतीत होंगे।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Divya Sambandhon Ka Mahattva by Aruna Ladva”