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Ek Shaam Parivar Ke Naam by Vijayshankar Mehta
आनेवाले 20 वर्षों में भारत दुनिया के विकसित देशों में होगा; लेकिन इसी के साथ चिंता भी होती है कि हमारे पास जब सबकुछ होगा तो कहीं हम परिवार से हाथ न धो बैठें।
आज टूटन व बिखराव की ध्वनि परिवारों से निकलने लगी है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम जानें कि परिवार कैसे बचाए जाएँ। लेखक ने अपनी कथाओं में इसी समस्या पर ध्यान केंद्रित किया है और यह पुस्तक भी इसी भाव को समर्पित है।
‘एक शाम परिवार के नाम’ लेखक का एक व्याख्यान है, जिसे खूब सुना जाता है। इस पुस्तक में उसी व्याख्यान के अंश समाहित हैं। हनुमानजी महाराज परिवार के देवता हैं, अतः जीवन उन्हीं के आसपास बीतता है। लेखक का कहना है कि मैं ‘हनुमान चालीसा’ ओढ़ता हूँ, बिछाता हूँ।
परिवार में माधुर्य, पारस्परिकता, प्रेमभाव और एकात्मता जाग्रत् करनेवाली प्रेरक पुस्तक।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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