Garbh Evam Prasav Gyan by Shanti Roy
प्रसूति विज्ञान चिकित्सा शास्त्र की उस शाखा का नाम है, जिसका संबंध स्त्री जननांग, गर्भावस्था, प्रसव तथा प्रसवोत्तर काल से होता है। इस शास्त्र का उद्देश्य है—‘स्वस्थ माँ और स्वस्थ नवजात’। माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के माध्यम से ही किसी देश की स्वास्थ्य संबंधी गुणवत्ता की पहचान होती है। वहाँ की चिकित्सा सेवा कितनी अच्छी है, इसका अंदाजा वहाँ के मातृ मृत्यु-दर एवं शिशु मृत्यु-दर से ही लगाया जाता है। विकसित देशों में मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर पहले ही काफी कम हो चुकी है।
गर्भ एवं प्रसव विज्ञान पर अधिकांश पुस्तकें अंग्रेजी में हैं, जिन्हें पढ़ना और समझना हमारी सामान्य जनता के लिए संभव नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक सरल-सुबोध भाषा में लिखी प्रामाणिक जानकारी लिये है। इसकी भाषा और बातें हमारी जनता पढ़ सकेगी, समझ सकेगी तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रह सकेगी।
हम अपने ही शरीर से बिल्कुल अनजान हैं। इस पुस्तक में जननांगों की बनावट एवं जनन-क्रिया को संक्षेप में बताया गया है। भ्रूण के विकास की क्रिया और उसको दुष्प्रभावित करनेवाले कारकों को बताया गया है। गर्भ तथा प्रसव की सामान्य एवं असामान्य स्थितियों की भी चर्चा की गई है। अन्य बीमारियों से पीडि़त माताओं को गर्भावस्था में क्या सावधानियाँ रखनी होंगी, नवजात की सही देखभाल कैसे की जाए, यह सब इस पुस्तक में वर्णित है।
हर घर-परिवार के लिए पठनीय एवं उपयोगी पुस्तक।
| Publication Language |
Hindi |
|---|---|
| Publication Type |
eBooks |
| Publication License Type |
Premium |
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