Govind Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan by Govind Mishra

साहित्य मनीषी गोविन्द मिश्र के कथालेखन में नारीविमर्श का पुख्ता इतिहास रहा है, जिसकी याद बनाए रखना जरूरी है। स्त्रीपुरुष संबंध, विवाह जैसी सामाजिक संस्थाएँ और स्त्रीव्यक्तित्व के विकास से जुड़ी तमाम समस्याएँ उनकी चिंता के केंद्र में हमेशा से रही हैं।
लगभग 50 वर्षों में फैली उनकी साहित्ययात्रा अत्यंत समृद्ध एवं वैविध्यपूर्ण है। वे अपनी प्रत्येक रचना में एक नई भावभूमि, नया परिवेश और एक नई कथा को प्रस्तुत करते हैं। उनके कथालोक में पाठक भारत के गाँवकस्बे, नगरमहानगरों की ही नहीं वरन् विदेशी धरती तक की यात्रा कर आते हैं। उनकी रचनाओं में जीवनसंघर्ष की द्वंद्वात्मकता के साथ मनुष्यमन को आलोकित करती प्रेमानुभूति की अत्यंत सशक्त अभिव्यक्ति हुई है।
गोविन्द मिश्र अपनी कहानियों की लोकप्रियता के फेर में कभी नहीं पड़े। पूरी शिद्दत और पैनेपन के साथ लिखी उनकी ये लोकप्रिय कहानियाँ पाठकों को अवश्य पसंद आएँगफे

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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