Hamare Bahadur Bachche by Rajnikant Shukla

बहादुर बच्चों की ये सच्ची कहानियाँ खुद में एक दस्तावेज हैं व इतिहास भी, और वे मानो घोषणा करती हैं कि आज जब हमारा देश और समाज नैतिक मूल्यों के क्षरण की समस्या से जूझ रहा है, तब हमारे देश के ये दिलेर और बहादुर बच्चे ही हैं, जिनसे बच्चे तो सीख लेंगे ही, बड़ों को भी सीख लेनी चाहिए, तभी हमारा देश सच में उज्ज्वल और महान् देश बने।
—प्रकाश मनु
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित इन बच्चों में समान रूप से मौजूद है, और वह है उनके अप्रतिम साहस, सूझबूझ और अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों के प्राण बचाने का तात्कालिक निर्णय लेने की क्षमता, जिसे देख-सुनकर बड़े भी हैरान रह जाते हैं।
—रमेश तैलंग
ये कहानियाँ हमारे आज के बच्चों की हिम्मत एवं अदम्य साहस की कीर्ति-कथाएँ हैं। दास्तान हैं उस वीरता की, जो उन्होंने विषम परिस्थितियों में दिखाई, जिन्हें पढ़ते हुए हमें यह विश्वास हो जाता है कि बहादुरी की भारतीय परंपरा मरी नहीं, वह हमारे नौनिहालों में कूट-कूटकर भरी हुई है।
—ओमप्रकाश कश्यप
आज बच्चों के पाठ्यक्रम से अभिमन्यु, एकलव्य, चंद्रगुप्त मौर्य, लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, अदुल हमीद जैसे बहादुरों के साहस और वीरता की कहानियाँ लुप्तप्राय हो चुकी हैं। ऐसे समय में बच्चों को हिम्मत और बहादुरी की प्रेरणा देने में ये सच्ची कहानियाँ सहायक सिद्ध होंगी।
—हरिश्चंद मेहरा
प्रथम राष्ट्रीय बाल वीरता
पुरस्कार विजेता, 1957

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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