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Kahani Delhi Metro Ki by Aditya Awasthi
कहानी दिल्ली मेट्रो की—आदित्य अवस्थी
दिल्ली मेट्रो एक ऐसी परियोजना है, जिसने दिल्ली और दिल्लीवालों की दैनिक जिंदगी को बदल दिया है। इसने दिल्ली को वॉलसिटी से वर्ल्ड सिटी बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेट्रो के चलने से दिल्लीवाले परिवार के दूसरे सदस्यों से ही नहीं, दोस्तों और परिचितों से ज्यादा मिल-जुल पाते हैं। अब दिलशाद गार्डन में रहनेवाले परिवार इंडिया गेट पर आइसक्रीम खाने आते हैं। नई दिल्ली के सरकारी भवनों में काम करनेवाले चाट खाने और शॉपिंग करने के लिए लंच में चाँदनी चौक जाते हैं। द्वारका, रोहिणी, नोएडा और गाजियाबाद भी अब उतने दूर नहीं रह गए हैं।
मेट्रो रेल में वी.आई.पी. और आम आदमी के बीच कोई अंतर नहीं रह जाता। दुकान बढ़ाने के बाद लालाजी और उनकी दुकान पर काम करनेवाला ‘लड़का’ मेट्रो में साथ-साथ यात्रा करते हैं।
इस परियोजना ने देश और दिल्ली में निर्माण और तकनीक में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। इससे यह भी साबित हुआ है कि इच्छा हो तो कंपनी सरकारी हो या गैर-सरकारी, निर्धारित समय से पहले और अनुमानित लागत पर भी योजनाएँ पूरी की जा सकती हैं।
इस परियोजना के चलते सैकड़ों वर्षों में बने और बसे इस महानगर के विभिन्न शहरों के बीच मिनटों में यात्रा की जा सकती है। लेखक ने मेट्रो रेल के माध्यम से इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के आगमन, विकास और उसके शहर पर पड़ रहे प्रभावों को देखने का, आकलन करने का प्रयास किया है। पुस्तक की भाषा-शैली कुछ ऐसी है कि बस आप मेट्रो से उसकी और दिल्ली की कहानी भी सुनते चले जाएँगे।
तो आइए, जानते हैं कैसे आई मेट्रो—दुनिया में, देश में और दिल्ली में। फिर चलते हैं मेट्रो के साथ दिल्ली देखने।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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