Kalyankari Shiv by Anand Payasi

गवान् शिव पूरब से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण संपूर्ण क्षेत्र में इसीलिए पूज्य हैं, क्योंकि वे सहज उपलब्ध हैं; और उनके पूजन के लिए किसी बड़े साधन या धन या ज्ञान की आवश्यकता नहीं है। शिव प्रेम के भूखे हैं, आडंबर के नहीं। इसी कारण वे अमीर-गरीब सभी के आराध्य हैं। यदि ‘शिव’ का पूजन करना है तो जल सभी जगह उपलब्ध है; उनको अर्पित करने के लिए बेलपत्र, मदार का फूल, कनेर के फूल, धतूरे के फूल, धतूरे के फल भी सुगमता से मिल जाते हैं। यानी महादेव शिव का वंदन करना सर्वसुलभ है।
‘शिव’ का मतलब ही है—सबका कल्याण करनेवाला, पालक, नियंता और कल्याणकारी। इसी उद्देश्य को लेकर यह ‘कल्याणकारी शिव’ पुस्तक लिखी गई है। यह आपके अंदर की भक्ति को जाग्रत् करेगी और आप शिवमय हो उनके होने का अनुभव कर पाएँगे।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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