Kya Mujhe Pyar Hai? by Arvind Parashar

‘‘तो नील, कल्पना करो कि कोई है, जिससे मैं प्यार करती हूँ, इकतरफा और मैं उससे पिछले सात वर्षों से प्यार करती हूँ। सदा से इकतरफा और मैंने उसे आज तक नहीं बताया है।’’
‘‘तुम वाकई अद्भुत हो, है न?’’
‘‘और तुम कितने लोगों को जानते हो, जो किसी को सात वर्षों से चाहते हों और वह भी एकतरफा?’’
‘‘मेरे खयाल से यह एकतरफा प्यार है, इसीलिए सात वर्षों से चला आ रहा है। अगर यह दोनों तरफ से होता तो शायद इसकी भी नियति मेरी जैसी ही होती।’’
‘‘जब तक ऐसा कुछ होता नहीं, कोई नहीं जानता।’’
‘‘मगर तुमने उसे इसके बारे में बताया क्यों नहीं?’’
‘‘मेरी माँ ने कहा था, अगर मैं किसी से प्यार करती हूँ तो उसे बताने से पहले मुझे अठारह वर्ष पूरे करने होंगे। उसने कहा, उस लड़के से मिलने से पहले मुझे बालिग होना चाहिए।’’
—इसी उपन्यास से
प्रेम और अंतरंगता के ताने-बाने में बुना अत्यंत रोचक और पठनीय उपन्यास। एक बार पढ़ना शुरू करने के बाद पाठक इसे खत्म करके ही रुकेंगे।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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