Loktantra Ka Sipahi Kj Rao by Devipriya

जे. राव ने उन सभी भारतीयों पर गहरा असर छोड़ा, जो लोकतंत्र की सही कार्यप्रणाली के लिए स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों को आवश्यक मानते हैं। उनकी विशिष्ट योग्यताओं तथा साहस के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन उनके आरंभिक जीवन, पालन-पोषण तथा विकास के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। इस पुस्तक में के.जे. राव के जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की है।
राष्ट्र को ऐसे विलक्षण व्यक्ति के बारे में जानने की जरूरत है, जिसने हमेशा नियम के अनुसार काम किया और अवकाश ग्रहण करने के पहले तक चुनाव आयोग के कार्यालय में हमेशा सिर ऊँचा करके काम किया।
आखिर यह लौहपुरुष आया कहाँ से? इतने प्रलोभनोंवाले पदों पर रहकर उसने ऐसी अकूत नैतिक शक्ति कहाँ से पाई? उसके सहज बरताव का रहस्य क्या है? रणनीति से भरपूर, लेकिन राजनीति से दूर रहनेवाले आम मतदाता आखिर उनके प्रति इतना अधिक भक्ति-भाव क्यों रखते हैं? क्या इसलिए कि राव ने उन्हें बूथ लुटेरों की गिरफ्त से निकालकर वोट डालने का साहस दिया? गुमनाम और गरीब कलिंग-आंध्र के एक गाँव का यह सामान्य व्यक्ति दिल्ली के शिखर तक कैसे पहुँचा?
इन्हीं सब जिज्ञासाओं का समाधान है इस बेहद प्रेरणादायी पुस्तक में।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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