Mahabharatt Ke Patra-1 by Jagatnarayan Dwivedi
महाभारत के पात्र—जगतनारायण द्विवेदी
महाभारत भारतीय वाङ्मय का अद्भुत ग्रंथ है, जिसमें पारिवारिक-सामाजिक संबंधों का अत्यंत हृदयग्राही चित्रण है। महाभारत के विभिन्न विषयों एवं कथाओं को आधार बनाकर साहित्य की विभिन्न विधाओं—काव्य, नाटक, उपन्यास, एकांकी आदि—में इसे अभिव्यक्ति प्रदान करने का भरसक प्रयत्न हुआ है; परंतु महाभारत के विभिन्न पात्रों की प्रामाणिक एवं सर्वांगीण विवेचना कम ही हुई है।
दो खंडों के इस ग्रंथ ‘महाभारत के पात्र’ में इसी अभाव की पूर्ति की गई है। पूर्ण रूप से मूल को आधार बनाकर शोधपरक विधि से पात्रों का चरित्रांकन किया गया है। प्रथम भाग में महाभारत के प्रमुख सात पात्रों—अर्जुन, भीम, द्रोण, भीष्म, अश्वत्थामा, कर्ण एवं अभिमन्यु का चरित्र-चित्रण है तथा दूसरे भाग में धर्मराज युधिष्ठिर, नकुल, सहदेव, सात्यकि, धृष्टद्युम्न, घटोत्कच, दुर्योधन, कृप, शल्य, धृतराष्ट्र, श्रीकृष्ण, विदुर, कृष्णद्वैपायन व्यास, द्रौपदी, कुंती, गांधारी, सुभद्रा तथा उत्तरा का चरित्र-चित्रण है।
ग्रंथ की भाषा और शैली अत्यंत सरल एवं सुबोध है, जिससे पाठकगण विषय का पूरा लाभ उठा सकें। एक ओर जहाँ यह ग्रंथ विद्वज्जनों और शोधार्थियों के लिए उपयोगी है, वहीं सामान्य जन के लिए भी तुष्टिदायक एवं ज्ञानपरक है।
Publication Language |
Hindi |
---|---|
Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.