Mahan Karmayogi : Jannayak Karpoori Thakur (1) by Dr. Bheem Singh

सागरवत् गंभीर, आकाशवत् विशाल, दिशावत् विस्तीर्ण एवं गंगावत् पवित्र जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिलांतर्गत पितौझिआ ग्राम में हुआ। उन्होंने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की। 1942 का असहयोग आंदोलन छिड़ गया तो उसमें कूद पड़े। परिणामस्वरूप 26 महीने तक भागलपुर कैंप जेल में जेल-यातना भुगतने के उपरांत 1945 में रिहा हुए।
1948 में आचार्य नरेंद्रदेव एवं श्री जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में प्रादेशिक मंत्री बने। सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संसोपा संयुक्‍त विधायक दल बड़ी ताकत के रूप में उभरी। 1970 में उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया। 1973-77 में वे लोकनायक जयप्रकाश के छात्र-आंदोलन से जुड़ गए। 1977 में समस्तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने। 24 जून, 1977 को पुन: मुख्यमंत्री बने। फिर 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ तो कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में लोक दल बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा और कर्पूरी ठाकुर नेता बने।
कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्‍ट विचार और अदम्य इच्छाशक्‍त‌ि बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्‍त‌ित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।
कर्मयोगी कर्पूरी ठाकुर के समर्पित, त्यागमय, समाजोपयोगी प्रेरणाप्रद जीवन का दिग्दर्शन कराता ग्रंथ।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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