Main Subhash Bol Raha Hoon by Giriraj Sharan Agrawal
नेताजी सुभाष चंद्र बोस महान् देशभक्त थे। ब्रिटिश दासता से मुक्ति और पूर्ण स्वातंत्र्य उनका लक्ष्य था। बर्लिन रेडियो से एक प्रसारण में उन्होंने कहा था, “अपने जीवन की अंतिम साँस तक मैं मातृभूमि की सेवा करता रहूँगा और उसके लिए बड़े-से-बड़ा बलिदान करने से न झिझकूँगा। मेरे लिए भारत का हित सर्वप्रिय है, चाहे मैं संसार के किसी भी भाग में हूँ।”
‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा’ के द्वारा स्वतंत्रता-सेनानियों में आजादी का महामंत्र फूँकनेवाले नेताजी सुभाष को भारतीय संस्कृति में अटूट विश्वास था। वे कहते थे कि मैं उन लोगों में से नहीं हूँ, जो आधुनिकता के जोश में अपने अतीत के गौरव को भूल जाते हैं। हमारे पास विश्व को देने के लिए दर्शन, साहित्य, कला और विज्ञान में बहुत कुछ है और सारा संसार हमारी ओर टकटकी लगाए देख रहा है।
ऐसे अमर बलिदानी, राष्ट्रभक्त और क्रांतिकारी विचारक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की चिंतनधारा से अपने देश की होनहार छात्र-युवा पीढ़ी को परिचित-प्रेरित कराने के शुभ संकल्प के साथ यह संकलन प्रस्तुत है।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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