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Mcdonald’s Success Story by pradeep Thakur
मैकडोनाल्ड्स को सेवा (सर्विस) ब्रांड माना जाता है। जी हाँ, विश्व में चंद ब्रांड ही ऐसे हैं, जो मैकडोनाल्ड्स से अधिक पहचाने जाते हैं। सच तो यही है कि अब सलीब में टँगे ईसामसीह का चित्र की तुलना में मैकडोनाल्ड्स के सुनहरे मेहराव (गोल्डन आर्चेज) को ज्यादा लोग पहचानते हैं। ध्यान देने की बात यह भी है कि चाहे वे वैश्वीकरण (ग्लोबलाइजेशन) का विरोध करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता हों या सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी या फिर बच्चों के मोटापे को लेकर चिंतित माता-पिता मैकडोनाल्ड्स सभी दिशाओं से विरोध को झेलता हुआ आगे बड़ा है। यही कारण है कि मैकडोनाल्ड्स को बहुधा विश्व का सबसे अधिक घृणा किए जानेवाला ब्रांड भी कहा जाता है, लेकिन इन विरोधों के बाद भी मैकडोनाल्ड्स विश्वव्यापी ब्रांड के रूप में अपने प्रभाव को कायम रख सका है, तो इसका प्रमुख कारण उसकी जनसंपर्क रणनीति रही है। रोनाल्ड मैकडोनाल्ड हाउस चैरिटीज (आर.एम.एस.सी.) के अंतर्गत दुनिया के 57 देशों में 322 घर से बाहर घर संचालित किए जा रहे थे, जिनमें नजदीकी अस्पतालों में अपने बच्चों का इलाज करा रहे जरूरतमंद परिवारों को हर रात कुल 7200 शयन-कक्षों की सुविधा प्रदान की जा रही थी। इसके अलावा भी मैकडोनाल्ड्स कंपनी स्तर पर व क्रोक फाउंडेशन के माध्यम से कई तरह के सेवाकार्यों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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