Mission Everest 1965 by Capt M.S. Kohli
50 साल पहले, 1965 में अपने दस साहसिक सहयोगियों के साथ पाँच दिलेरों ने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ पर चार बार भारतीय तिरंगा फहराया, जिसने भारत के एक बहुत बड़े वर्ग को प्रेरित किया और भारत में साहसिक कारनामों तथा पर्वतारोहण की संभावनाओं के द्वार खोल दिए।
इस देशव्यापी उत्साह के माहौल में कार्यकारी प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा ने रक्षा मंत्री वाई.बी. चव्हाण के साथ पालम एयरपोर्ट पर जाँबाज पर्वतारोहियों के ऐतिहासिक स्वागत समारोह की अगुवाई की और दल के नेता को संसद् के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करने का न्योता दिया। लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उस दल का स्वागत अपने-अपने राज्यों की राजधानी में किया।
यह भारतीय पर्वतारोहण की युगांतरकारी और सुप्रसिद्ध ‘एवरेस्ट विजय’ की घटना है, जो सदा-सर्वदा लाखों लोगों को ऐसे दुर्गम कार्य करने की प्रेरणा और शक्ति देती रहेगी। एवरेस्ट के इतिहास में पहली बार किसी चोटी तक पहुँचने का प्रयास सही मौसम में इतनी जल्दी शुरू कर दिया गया था। इस कारण ही टीम मात्र 85 दिनों में अपने लक्ष्य तक पहुँच गई और 25 मई, 1965 की सुबह भारतीय तिरंगा शिखर पर लहरा रहा था।
निर्भीकता, साहस, अदम्य इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने की भावना को बल देनेवाली प्रेरणाप्रद पठनीय पुस्तक।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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