Naitik Bal Kahaniyan by Smt. Sudha Murthy

लच्छू वापस जंगल की ओर चल पड़ा। पेड़ के पास पहुँचकर उसने कहा, “वृक्ष देवता, मेरी पत्‍नी ढेर सारा भोजन चाहती है।”
“जाओ, मिल जाएगा।” वृक्ष देवता ने आश्‍वासन दिया। लच्छू जब वापस अपने घर पहुँचा तो उसने देखा कि उसका घर अन्न के बोरों से भरा पड़ा है। अब कमली और लच्छू दोनों खुश थे।
परंतु उनकी खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रही। कुछ दिन बीतने पर एक दिन कमली फिर बोली, “केवल अन्न से क्या होगा? उससे कुछ कपड़े भी माँग लो।”
लच्छू एक बार फिर पेड़ के पास पहुँचा और बोला, “वृक्ष देवता, हमें कपड़े चाहिए।”
“ठीक है, मिल जाएँगे।” वृक्ष देवता ने आश्‍वासन दिया।
लच्छू और कमली खुशी-खुशी रहने लगे थे। परंतु वे ज्यादा दिन तक खुश नहीं रह सके। एक दिन कमली ने कहा, “केवल लकड़ियों, कपड़ों और अन्न से क्या होगा? हमें एक अच्छा सा घर भी चाहिए। जाओ, वृक्ष देवता से घर माँगो।”
—इसी पुस्तक से

आशा है, बच्चों में नैतिकता तथा शिष्‍टाचार का संस्कार करनेवाली ये कहानियाँ बच्चों का मनोरंजन तो करेंगी ही, भरपूर ज्ञानवर्द्धन भी करेंगी।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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