Prakritik Chikitsa by Ramgopal Sharma

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में स्वस्थ जीवन जीना एक चुनौती बन गया है। इसमें अनुचित खान-पान एवं रहन-सहन की भूमिका प्रमुख है।
यद्यपि हम चाहें तो अपने दैनिक काय-कलापों मे स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं; किंतु स्वास्थ्य मंवंधी जानकारी के अभाव में प्राय: ऐसा संभव नहीं हो पाता। और तो और. अज्ञानतावश मनुष्य अपने स्वास्थ्य के साथ ऐसा व्यवहार भी करता है, जो प्रकृति के प्रतिकृल होता है। ऐसे में उसका स्वास्थ्य प्रभाविन होता है।
स्वस्थी जीवन जीना और दीर्घायु प्राप्त करना कौन मनुष्य नहीं चाहेगा? प्रसिद्ध वैदिक सूत्र वाक्य ‘जीवम शरद: शतम्’ स्वास्थ्य की डर्मा अवधारणा को अभिव्यक्त करता हें। स्वास्थ्यो जीवन जीने के लिए प्राचीन ऋषियों-मनीषियों ने विभिन्न ग्रंथों में अनेकानेक उपाय सुझाए हैं तथा हमें राह दिखाई है। किंतु विस्तृत कलेवरवाले उन ग्रंथों को पढकर आत्मसात् कर पाना कदाचित् संभव नही है। इसके लिए आवश्यकता होती है एक ऐसी पुस्तक की, जिसमें स्वस्थ रहने के उन उपायों की जानकारी दी गई हो, जो अनुभवसिद्ध हों, ज्ञानसिद्ध हों और सुपरिणामसिद्ध हों।
‘प्राक्रुतिक चिकित्सा’ ऐसी ही पुस्तक है जिसमें पाठकों को वह सब पढ़ने व जानने को मिलेगा, जिससे वे स्वयं को स्वस्थ रखने के साथ ही, अपने परिवार जनों, मित्रों और आस-पास रहनेवालों को भी स्वस्थ रखने में महती भूमिका अदा कर सकते हैं।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

Kindly Register and Login to Tumakuru Digital Library. Only Registered Users can Access the Content of Tumakuru Digital Library.

Reviews (0)

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Prakritik Chikitsa by Ramgopal Sharma”