Prerak Prasang by Rashtra Bandhu

प्रेरक प्रसंग—डॉ. राष्‍ट्रबंधु

जानते हो लुई पास्चर ने कैसे सफलता पाई? रोग फैलानेवाले कीटाणुओं के इंजेक्शन रोगी कीड़ों को लगाए गए। इससे माइक्रोवेव नष्‍ट किए गए। जहर-से-जहर को निष्प्रभावी बनाया गया।
राष्‍ट्र के लिए मरनेवालों का आकलन यत् किंचित‍् ही सही, लेकिन किया गया है, किंतु राष्‍ट्र के लिए जीनेवालों का आकलन हुआ ही नहीं। जब यह दुरूह, किंतु आवश्यक काम हाथ में लिया जाएगा तो हमें पता चलेगा कि साहित्य के क्षेत्र में दूसरा वल्लभ भाई पटेल कोई है तो वह है संतराम, जिसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी होते हुए भी कम लोगों की दिलचस्पी उसमें थी।
साख्यभाव की भक्‍ति, शत्रुओं को भी जीवित रहने की कामना, पूर्ण सुख न देने की प्रार्थना और क्षमाभाव की प्रकृति, चुटीली बात कहनेवाला, धैर्य की पराकाष्‍ठा तक निर्धनता झेलनेवाला, जिसने कभी चाकरी नहीं की, स्वदेश-प्रेमी; यह विद्वान् अगरबत्ती की तरह मात्र बयालीस वर्ष जिया, लेकिन उसकी सुवास आज भी हमें उसके बारे में अधिक जानने की प्रेरणा देती है।
प्रस्तुत पुस्तक के प्रसंग अपनी सरलता, सरसता, कर्तव्य-परायणता एवं उच्चकोटि की देशभक्‍ति के रस में पगे हुए हैं। अत: विद्यार्थी, अध्यापक ही नहीं, हर आम और खास के लिए एक पठनीय पुस्तक।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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