Rajyoga by Swami Vivekananda
प्रस्तुत पुस्तक का विषय है—‘राजयोग’। पातंजलसूत्र राजयोग का शास्त्र है और राजयोग पर सर्वोच्च प्रामाणिक ग्रंथ है। अन्यान्य दार्शनिकों का किसी-किसी दार्शनिक विषय में पतंजलि से मतभेद होने पर भी वे सभी, निश्चित रूप से, उनकी साधना-प्रणाली का अनुमोदन करते हैं। लेखक ने न्यूयॉर्क में कुछ छात्रों को इस योग की शिक्षा देने के लिए जो व्याख्यान दिए थे, वे ही इस पुस्तक के प्रथम अंश में निबद्ध हैं। और इसके दूसरे अंश में पतंजलि के सूत्र, उन सूत्रों के अर्थ और उन पर संक्षिप्त टीका भी सन्निविष्ट कर दी गई है।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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