Sarvapriya Atalji by Suresh Chand

‘सर्वप्रिय अटलजी’ पुस्तक अटल बिहारीजी की जीवन यात्रा का प्रामाणिक लेखा-जोखा है। अटल शब्द सामने आते ही हमारे मन-मस्तिष्क के पटल पर एक ऐसी छवि उभरकर सामने आ जाती है, जो ओजस्वी आभा से ओत-प्रोत है। उनका गुलाब सा खिला चेहरा, विराट् व्यक्तित्व किसी देवदूत की उपस्थिति का भान कराते हैं। एक राजनीतिक और सच्चे इनसान के रूप में उनकी जीवन-यात्रा एक युग को समेटे हुए है। भारत सरकार उनके योगदान के लिए ‘भारत-रत्न’ राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित कर स्वयं ही सम्मानित हुई है। अटलजी को प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यों के लिए इतिहास सदैव याद रखेगा। अटलजी का व्यक्तित्व विभिन्नताओं से परिपूर्ण है। कवि के रूप में जहाँ उनका कोमल मन हृदयस्पर्शी मनोभावों को उद्वेलित करता है, वहीं संसद् में देश और समाज के प्रति कुटिल चाल चलनेवाले लोगों को अपनी ओजस्वी और सारगर्भित वाणी से शर्मसार कर देता है। उन्होंने एक ईमानदार, निष्ठावान, सजग-प्रहरी, प्रतिबद्ध राजनेता के रूप में एक मिसाल कायम की है। वे हमारे अजस्र प्रेरणास्रोत है। उनका जीव दर्शन न वरन् भारतवासियों के लिए, अपितु पूरे भूमंडलवासियों के लिए एक जीवंत दस्तावेज के रूप में अपनाया जाएगा। उनका लक्ष्य ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ था। हम भारतवासी उनके दीर्घ व यशस्वी जीवन की कामना करते हैं।
यह पुस्तक राजनीतिज्ञों, शोधार्थियों एवं अन्य जिज्ञासुओं के लिए एक संदर्भग्रंथ सिद्ध होगी, मेरा विश्वास है।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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