Suno Kishori by Smt. Asha Rani Vohra

सुनो किशोरीआज की आपाधापीवाली जिंदगी में प्रतियोगिताएँ बहुत बढ़ गई हैं। शिक्षा व कैरियर के साथ लड़कियों के पास घर के काम-काज के लिए समय का अभाव है। दूसरी ओर घरेलू श्रम महँगा हो गया है। इन परिस्थितियों में अपनी किशोरी बेटी को ‘अपने हाथ जगन्नाथ’ का गुर सिखाना होगा। सपनों की दुनिया से बाहर के कटु यथार्थों से भी उसे परिचित कराना होगा कि वय:संधिकाल में वह भावना के प्रवाह में बहकर अपनी अस्मिता के तटबंधों के प्रति बेखबर न रह जाए, उसके भीतर कुछ बनने, कुछ कर दिखाने की तमन्ना जागे।प्रसिद्ध लेखिका आशारानी व्होरा ने अपनी इस कृति में लेखन की नवीनतम पत्र-शैली में किशोर वय के विशेष प्रशिक्षण के लिए किशोरियों के साथ उनके स्तर पर संवाद स्थापित किया है। उनकी शंकाओं, प्रश्‍नों एवं दुश्‍च‌िंताओं का समाधान एक माँ, एक अंतरंग सहेली और मार्ग-निर्देशिका के रूप में किया है। किशोरियों के हृदय में झाँककर, मित्रवत् उन्हें विश्‍वास में लेकर उचित-अनुचित, करणीय-अकरणीय का बोध कराया है।यह पुस्तक किशोरियों को उनकी देखभाल, सुरक्षा तथा जीवनोपयोगी शिक्षा देने के साथ ही उनका भरपूर मार्गदर्शन भी करेगी तथा उनमें निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाएगी।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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