Super 30 Anand Ki Sangharsh-Gatha  by  anand Kumar

पटना में एक निम्न मध्यम परिवार में जनमे आनंद कुमार को आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उनकी ‘सुपर 30’ नाम की संस्था गरीब बच्चों को आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाती है। ‘सुपर 30’ की स्थापना वर्ष 2002 में हुई और अब तक 390 में से 333 विद्यार्थी आई.आई.टी. की प्रवेश परीक्षा में सफल रहे। चाहे दिहाड़ी मजदूर का बेटा हो या फिर ऑटो ड्राइवर की बच्ची, बिजली मिस्त्री का बेटा हो या फिर फेरी लगानेवाले की बेटी, निर्धन-से-निर्धन परिवार के विद्यार्थियों को भी आई.आई.टी. में प्रवेश दिलाने का श्रेय आनंद कुमार को जाता है।
‘सुपर 30’ के विद्यार्थियों को वे अपने साथ रखते हैं और वे उनसे कोई फीस नहीं लेते बल्कि उनके रहने-खाने का खर्च भी खुद ही वहन करते हैं। आनंद कुमार ‘सुपर 30’ के लिए कोई भी सरकारी एवं गैर सरकारी वित्तीय मदद नहीं लेते। अब तक देश-विदेश के बड़े-से-बड़े उद्योगपतियों ने उन्हें आर्थिक मदद की बात कही, लेकिन उन्होंने आदरपूर्वक मना कर दिया।
उन्हें अनेक देशी-विदेशी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इन्होंने एम.आई.टी., हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, टोकियो, ब्रिटिश कोलंबिया जैसे कई बड़े विश्वविद्यालयों के अलावा देश-विदेश के बड़े संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। उन पर अनेक वृत्तचित्र और फिल्में बनाई गई हैं। बावजूद इसके अहंकार आनंद को छू भी नहीं पाया है। जीवन के आरंभ से ही चुनौतियों से जूझनेवाले आनंद कुमार आज भी स्वयं आगे बढ़कर चुनौतियों को चुनते हैं और अपनी जिजीविषा, अदम्य इच्छाशक्ति और सादगी के बल पर उन्हें पार भी कर लेते हैं। अभी हाल में ही ‘क्वीन’ फेम फिल्म निर्देशक विकास बहल ने उनके जीवन पर एक फिल्म बनाने की घोषणा की है।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

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Premium

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