Urmila Shirish Ki Lokpriya Kahaniyan by Urmila Shirish
उर्मिला शिरीष की कहानियाँ चाहे वह ‘प्रार्थनाएँ’ हो या ‘राग-विराग’ या ‘उसका अपना रास्ता’ या ‘बाँधो न नाव इस ठाँव बंधु!’ संबंधों की ऐसी मर्मगाथाएँ हैं, जो पाठकों को भीतर तक उद्वेलित और आंदोलित कर देती हैं। अपने आसपास के परिवेश, समाज, पर्यावरण तथा सरोकारों की तसवीर प्रस्तुत करती इन कहानियों में जीवन के बिंब सघनता के साथ उभरकर आते हैं। वर्चस्व और सामंतवादी सोच के प्रतिरोध में खड़े उनके पात्र संवेदना, मनुष्यता और करुणा की रसधार से मन-मस्तिष्क को आप्लावित कर देते हैं। आज जब कहानियाँ सायास विचार और फॉर्मूला के बोझ से आक्रांत बना दी जाती हैं, ऐसे में उर्मिला शिरीष की कहानियाँ जीवन की समग्रता को समेटे ‘कहानीपन’ पठनीयता और सहजता जैसे अद्भुत गुणों की बानगी प्रस्तुत करती हैं। उर्मिला शिरीष की कहानियाँ प्रेमचंद की परंपरा से आती हैं, जहाँ जीवन का यथार्थ है तो जीने की इच्छा को फलीभूत करता मार्ग भी। उनकी कहानियों में स्त्री जीवन के कई रूप हैं, तो बच्चों की, युवाओं की एकदम ईमानदार भावछवि भी। वे वृद्ध जीवन के ऐसे अनदेखे पक्ष उजागर करती हैं, जहाँ हम प्रायः अपनी दृष्टि को ठहरा देते हैं। प्रेम और घृणा, संघर्ष और जिजीविषा के, राग और द्वेष के बीच बहते जीवन को उनकी मनोवैज्ञानिक दृष्टि पाठकों के सामने ऐसे सहज ढंग से रख देती है कि वे चकित रह जाते हैं।
उर्मिला शिरीष के व्यापक रचना-संसार की कुछ लोकप्रिय कहानियों का संकलन।
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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