Vaad-Vivad Evam Sambhashan by Smt. Shradha Pandey

‘वाद-विवाद का अर्थ है— सार्वजनिक बैठक में आयोजित विभिन्न विषय अथवा एक ही विषय पर की गई औपचारिक चर्चा, जिसमें लोग एक-दूसरे के तर्कों का विरोध करते हैं।’
बोलना जीवन की स्वाभाविक क्रिया होने के साथ-साथ एक कला भी है, जिसकी नींव छात्र जीवन में ही पड़नी आरंभ हो जाती है। विद्यालयों में एक तरफ जहाँ पठन-पाठन पर जोर दिया जाता है, वहीं दूसरी तरफ पाठ्येतर गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है, ताकि छात्र का सम्यक् विकास हो सके।
विद्यालयों में कविता पाठन, संभाषण तथा वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करके छात्रों की प्रतिभा को तलाशने व निखारने का कार्य किया जाता है। यह पुस्तक उन सभी अभिभावकों, छात्रों तथा अध्यापकों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है, जिनकी इस विषय की पुस्तक की सदैव तलाश रही है। सभी वाद-विवाद विविध विषयों पर आधारित तथा तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिखे गए हैं। विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस पुस्तक के प्रायः सभी वाद-विवाद तथा संभाषण पुरस्कृत हैं।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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