Vishwa Prasiddh Kahaniyan -I by Suresh Kant
पुराने जमाने में रैंपसिनिटस नाम का एक राजा हुआ है। उसके पास बहुत खजाना था। राजा ने अपने खजाने की सुरक्षा के लिए पत्थर की एक ऐसी बड़ी कोठरी बनवाने की सोची, जिसका एक सिरा उसके महल की बाहरी दीवार का एक हिस्सा हो।
कारीगर ने कोठरी बनानी शुरू कर दी। महल का बाहरी दीवारवाला हिस्सा बनाते समय उसके दिमाग में राजा का खजाना लूटने की बात आईं और उसने उस दीवार में एक पत्थर इस तरह जमा दिया कि उसे वहाँ से आसानी से निकाला जा सके ।
कोठरी कुछ दिनों में बनकर तैयार हो गई। राजा ने अपना खजाना वहाँ रखवा दिया।
समय बीतता गया। कुछ समय बादवह कारीगर बीमार पड़ गया। अपनी मृत्यु निकट देखकर उसने अपने दोनों बेटों को अपने पास बुलाया और उन्हें राजा के खजानेवाली कोठरी के पत्थर की बात बताई। उसने कहा, मैंने तुम्हारे लिए ही यह सब किया है। राजा के खजाने को लूटकर तुम सारी जिंदगी मजे में बिता सकोगे।’’
‘इसी पुस्तक से’
Publication Language |
Hindi |
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Publication Type |
eBooks |
Publication License Type |
Premium |
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