Zindagi Xxl by Abhishek Manoharchanda

हमारे देश में दो चीजें बहुत तेजी से बढ़ रही हैं—एक टेक्नोलॉजी का रोग और दूसरा मोटे लोग। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मोटे लोगों में हम भारतवासी तीसरे नंबर पर आ गए हैं। कहते हैं लगभग 135 करोड़ लोगों में 10 प्रतिशत लोग मोटे हैं, यानी 135 लाख लोग और ये कहानी इन 135 लाख लोगों में से ही एक ‘बकुर नारायण पांडे’ की है।
बकुर बेढोल शरीर और असाधारण रूप का एक ऐसा इनसान है, जिसके शरीर में कैल्शियम, आयरन से ज्यादा आत्मविश्वास की कमी है, वो समाज और संसार के नजरिए से बन चले आदर्शवादी जीवन में कहीं ठीक नहीं बैठ पाता। इन वजहों से बकुर की जिंदगी में हास्य से लेकर गंभीरता तक अनेक परिस्थितियाँ पैदा होती हैं। हर क्षेत्र में असफलताओं के झुंड में घिरे बकुर को, उसका परिवार, मोहल्ला, सब—एक बार सफलता की चौखट तक पहुँचता देखना चाहते हैं, जो बकुर के लिए लगभग असंभव है। कोई इनसान जब सामान्य इनसानों के आदर्शवादी ढाँचे से किसी भी मायने में अलग होता है तो या तो उसका मजाक बनता है या फिर वो इनसान आदर्श बनता है। इसी ऊँच-नीच से भरी बकुर की जिंदगी में पैदा होती अनेक परिस्थितियों की रोमांचक और अत्यंत पठनीय कहानी है ‘जिंदगी XXL’।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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