Giriraj Kishore Ki Lokpriya Kahaniyan by Giriraj Kishore

गिरिराज किशोर की कहानियों की यह विशेषता है कि इनमें समकालीन जीवन को समझने-बूझने के सूत्र प्राप्त होते हैं। ये सूत्र जीवन-जगत् के भविष्य को भी इंगित करते हैं। इन सूत्रों में रचना समय के राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, उच्च तकनीकी (मोबाइल मैसेज संस्कृति) के श्वेत-श्यामल पक्षों, भाषिक क्षेत्रों के आंतरिक इतिहास को भी स्पष्ट देखा-परखा जा सकता है। सामयिकता से भरपूर तथा समय का अतिक्रम करने की यह क्षमता कृतिकार के सृजन को अमरत्व की ओर अग्रसर करती है।
प्रस्तुत संग्रह की कहानियों में कथाकार ने बृहत्तर समाज के कई रूपों, स्थितियों के वैयक्तिक एवं सार्वजनिक चित्र अंकित किए हैं। इस अंकन में बारीकी के साथ उन अदृश्य कारकों को भी प्रतीकात्मक ढंग से उल्लिखित किया है, जो मनुष्य और समाज की अंतर्क्रिया के फलस्वरूप अभौतिक संस्कृति को बहुत धीमे-धीमे क्षरित करते सांस्कृतिक और शाश्वत मूल्यों के अवमूल्यन अथवा पूर्णक्षरण को रेखांकित करते हुए क्रमशः अर्वाचीन मनुष्य और समाज को, प्राचीन मनुष्य और समाज से पूर्णतः पृथक् करते, सर्वथा बदले चेहरे में प्रस्तुत करके सांस्कृतिक विलंबना और विडंबना को व्याख्यायित करते हैं।
कथा-रस से भरपूर ये कहानियाँ मनोरंजन के साथ-साथ समाज-जीवन की विसंगतियों-विद्रूपताओं को उजागर करती हैं, जिससे ये पाठक को अपनी सी लगती हैं।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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