Simmi Harshita Ki Lokpriya Kahaniyan by Simmi Harshita

‘तुम्हारी भाषा अद्भुत है। तुम्हारी शैली अद्भुत है।’
—मन्नू भंडारी

सिम्मी हर्षिता की हर कहानी अपने आप में संपूर्णता का एहसास लेकर आती है। सुधी पाठक केवल कहानी पढ़ता ही नहीं है, उसकी हर स्थिति के साथ अपना तादात्म्य स्थापित करता है। सिम्मी हर्षिता की कहानी पढ़ना ऐसा है, जैसे ठंडे शर्बत को एक-एक घूँट पीना और हर घूँट के साथ उसका स्वाद लेना।
—डॉ. महीप सिंह

‘बनजारन हवा’ कहानी में तुमने भाषा का बहुत ही प्रभावी रूप प्रयोग किया है।
—राजेंद्र यादव

सिम्मी हर्षिता की कहानियाँ कथ्य की दृष्टि से तो महत्त्वपूर्ण हैं ही किंतु वे कथन-भंगिमा की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण और आकर्षक हैं। वे इस कौशल से कहानी कहती हैं कि कहीं भी अति नहीं होती। इन कहानियों को उनकी कथन-भंगिमा और अच्छे गद्य के लिए भी पढ़ा जा सकता है। अच्छा गद्य लिखना आसान काम नहीं है। इसलिए तो ‘गद्यं कवीना निकषं’ कहा गया है। उनके गद्य में काव्यात्मकता है और यहाँ से वहाँ तक प्रसृत वाग्वैदग्ध्य है, जिसमें परिहास भी है और व्यंग्य भी। उनके गद्य में एक क्रीडा-भाव सर्वत्र विद्यमान है। यह क्रीडा-भाव कहानियों के पात्रों के प्रति भी है और भाषा के प्रति भी।
—डॉ. हरदयाल

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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