Teesari Dharti by Aruna Sitesh

अरुणाजी की रचनाएँ हमारे आस- पास जीते -विचरते पात्रों को ऐसे सहज रूप में कथासूत्र में पिरोती हैं कि पाठक को मात्र पढ़ने का नहीं, अपने जाने -पहचाने समाज को नितांत नए अनुभव एवं नई दृष्‍ट‌ि के साथ पुन : जानने – समझने का सुख भी प्राप्‍त होता है ।
ये कहानियाँ नसि मन की बूझी- अनबूझी पहेलियों पर प्रकाश डालने में विशेष रूप से सक्षम हैं । नारी-जीवन की व्यथा-कथा तथा आशाओं- अपेक्षाओं का चित्रण अरुणाजी के लेखन की विशेषता है । नारी मन की गहन संवेदनाओं को, बिना नारी-मुक्‍त‌ि का मुखौटा लगाए वे बड़े ही सहज भाव से चित्रित करती हैं ।
ये सभी कहानियों समय-समय पर धर्मयुग, साप्‍ताहिक हिंदुस्तान, सारिका आदि में प्रकाशित होकर चर्चित हुई थीं । इस संग्रह में, जीवन के सांध्य काल में लिखी उनकी कहानी ‘ तीसरी धरती ‘ भी है, जिसे ‘ वागर्थ ‘ में पढ़ते ही स्व. कमलेश्‍वर ने अपने द्वारा संपादित तथा साहित्य अकादेमी से प्रकाशनाधीन, हिंदी लेखिकाओं की कालजयी कहानियों के संग्रह के लिए चुना था ।
डॉ. अरुणा सीतेश के द्वितीय प्रयाण- दिवस पर विनम्र श्रद्धांजली- स्वरूप प्रस्तुत है यह कथा संग्रह तीसरी धरती ।

Publication Language

Hindi

Publication Type

eBooks

Publication License Type

Premium

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