Aap Safal Kaise Hon by Dr. Ashutosh Karnatak

जीवन में कौन सफल और विजयी होना नहीं चाहता। यह पुस्तक एक सफल उच्च पदस्थ प्रबंधक के व्यावहारिक अनुभव का निचोड़ है, जो आपको बताएगी कि सफल होने, विजय प्राप्त करने और जीवन में आगे बढ़ने के गुर क्या हैं। बानगी के लिए प्रस्तुत हैं कुछ सूत्र— • किसी भी अवरोध के पश्चात् यह आवश्यक है कि उस रुकावट का ब्योरा विस्तार से लिखें, क्योंकि लिखी बात को दिमाग अच्छी तरह से समझता है अपेक्षाकृत मौखिक विवरण के। • हमेशा किसी भी रुकावट का रास्ता निकालने के लिए पहले धैर्य से उसके बारे में सोचें, उसको विभिन्न टुकड़ों में तोड़ें तथा एक-एक कर उसको कार्यान्वित करें। • यदि कोई व्यक्ति रुकावट पेश कर रहा हो तो उसे Persue करके किसी भी तरह से negotiation स्तर तक लाएँ, ताकि वह अब आपकी बात सुन सके। • मन-ही-मन में यह प्रण लें कि आप किसी समस्या का कारण नहीं, अपितु समाधान का कारक बनेंगे। जीवन में कुछ कर दिखाने का दम-खम पैदा करने की शक्ति देनेवाले बिंदु, जो आपको एक सफल व्यक्ति बनने में सहायक सिद्ध होंगे।

Aapaatnama by Manohar Puri

भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल के जख्म बड़े गहरे हैं। ‘आपातनामा’ उस काली रात की दास्तान है, जिसने उन्नीस महीने तक प्रजातंत्र के सूर्य को उगने ही नहीं दिया। सत्ता का नशा कैसे भ्रष्ट व्यक्तियों को जन्म देता है, यह ‘आपातनामा’ उपन्यास के कथानक से झलकता है। कैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, नौकरशाहों और नेताओं के पास बंदी बना ली गई थी। कैसे न्यायपालिका को कार्यपालिका के हाथों की कठपुतली बनाकर नचाया जा रहा था। देश में किस प्रकार से अराजक तत्त्व मनमानी करने लगे थे और किस प्रकार से तानाशाही को खुलकर खेलने का अवसर मिल रहा था, यह सब इस कथानक के मूल मुद्दे हैं। ‘आपातनामा’ में आपातकाल की हकीकत को बड़ी ही संजीदगी से मर्मस्पर्शी शैली में अभिव्यक्त किया गया है। सरकार के मौखिक आदेश लोगों पर इस कदर कहर बरसा रहे थे कि कुछ लोग अंग्रेजों के दमनचक्र से भी अधिक खौफनाक दौर से गुजरने लगे थे। सरकार की अमानुषिक एवं आतंकित कर देनेवाली गतिविधियों से बेबस, समझौतापरस्त, उदासीन जनता को लेखक ने विद्रोह-चेतना का हथौड़ा मारकर जगाया है, जिसे वह क्रांति का लघुदर्शन मानता है, ताकि संसदीय प्रजातंत्र का मजाक न बन सके, अभिव्यक्ति की आजादी कुंठित न हो और व्यक्ति के मौलिक अधिकार सुरक्षित रहें।

Aapka Swasthya Aapke Haath by Dinanath Jhunjhunwala

बीमारी केवल शारीरिक ही नहीं हुआ करती, अगर व्यक्ति मानसिक बीमारियों जैसे-काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से ग्रस्त हैं तो भी वह बीमार ही माना जाएगा। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति वह है, जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ है। बीमारियों का कारण हम स्वयं बनते हैं। शारीरिकबीमारियों केनिवारण केलिए 'प्रात: भ्रमण' तथा 'योग' को दिनचर्या में अपनाना जरूरी है। इससे बिना दवा खाए भी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान् लेखक ने यह बताया है कि स्वस्थ रहने के लिए प्रात: भ्रमण कैसे करना चाहिए भोजन तथा आहार कैसा होना चाहिए तथा कब करना चाहिए दांपत्य जीवन को कैसे सफल बनाया जा सकता है, वृद्धावस्था की समस्याएँ एवं उनका समाधान, सुख क्या है और कहाँ?, जल ही जीवन है आदि। स्वस्थ रहने के लिए सबसे अहम बात यह है कि हम उन चीजों के सेवन से परहेज करें, जिनकी हमें जरूरत नहीं है, जो हानिकारक हैं। पान, पान मसाला, खैनी, शराब, मांसाहार के बिना भी हम अधिक स्वस्थ बने रह सकते हैं, अत: इनका सेवन करकेबीमार क्यों पड़े? यह हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ रहना प्राकृतिक है, अस्वस्थ रहना अप्राकृतिक। आज हर कोई-क्या गरीब, क्या अमीर-अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। ऐसे में इस पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ जाती है। आशा है, सुधी पाठक पुस्तक में दिए सुझावों को अपने जीवन में अपनाकर पूर्ण स्वस्थ तथा निरोग रह सकते हैं।

Aapki Jeet by Zig Ziglar & Tom Ziglar

पचासी वर्ष की आयु और पचास वर्ष से भी अधिक समय तक दुनिया को बहुत कुछ देते रहनेवाले जिग जिगलर प्रेरणादायी और उत्साहवर्धक बातचीत का एक ऐसा प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं, जिन्हें कई लोग प्रेरणा और संतुलित जीवन का जनक तक कहते हैं। उनकी आखिरी और अब तक की सबसे विस्तृत और समग्र पुस्तक पेश है आपकी जीत! जानिए अपनी सफलता का सूत्र। जिग जिगलर की आखिरी पुस्तक में जीवन का कायाकल्प करनेवाले साधनों और उपायों से जुड़े साढ़े चार दशक के अनुभवों को प्रेरक, संक्षिप्त और सरल रूप में समेटा गया है, जिनका उपयोग अंतिम पंक्ति के वे लोग आसानी से कर सकते हैं, जो अपने जीवन का विस्तार और सुधार अभी-की-अभी करना चाहते हैं। पाठक यह जान जाएँगे कि जब आपके पास चीजों को बदलने की उम्मीद और उस बदलाव को संभव बनाने की योजना होती है, तब आप कर सकते हैं और करते भी हैं। जिग जिगलर के संपूर्ण व्यक्तित्व, जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण ने करोड़ों लोगों को अच्छा स्वास्थ्य, परिवार और मित्रों के प्रति अगाध प्रेम और आभार, वित्तीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता, तथा मन की आध्यात्मिक शांति दी है। आप जब सही मायने में समझ जाते हैं कि आपकी जीत निश्चित है, तब आप दुनिया को बदल सकते हैं!

Aarthik Vatavaran : Badalte Aayam by Vandna Dangi

हर किसी की इच्छा है कि एक बेहतर विश्व बने, जहाँ कंपनियाँ अपने हितधारकों से कुछ न छिपाते हुए अपने कामकाज के लिए प्रतिबद्धता लें और उनके कामकाज में पारदर्शिता हो। एक ऐसी वैश्विक अर्थव्यवस्था हो, जिसमें स्वतंत्र व्यपार संभव हो और सभी राष्ट्र एक दूसरे के व्यापारिक या आर्थिक हितों को नुकसान न पहुँचाते हुए अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नीतियों का निर्धारण करें। आज एक राष्ट्र में हलचल होती है, तो उसकी सरसराहट दूर तक सुनाई देती है। फिर वो जापान में आई सूनामी हो या यूरो जोन क्राइसिस या फिर अमेरिकी रेटिंग का डाउनग्रेड या भारत में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन, दुनिया भर के शेयर मार्केट इस प्रकार की घटनाओं से प्रभावित हुए बिना नहीं रहते। यही नहीं घरेलू स्तर पर भी जो सरकारी या संस्थागत निर्णय अथवा नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं, उनका प्रभाव विभिन्न तबके के लोगों और विभिन्न आकार और क्षेत्र के उद्योगों पर अवश्य पड़ता है। इन्हीं सब समसामयिक नीतियों और ज्वलंत मुद्दों की व्याख्या करना, विवेचना करना और उन पर अपना दृष्टिकोण अपने पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करना ही लेखिका का उद्देश्य है। सभी आयु वर्ग के पाठकों को ही नहीं, समाज और उद्योग-जगत् के लोगों के लिए उपयोगी पुस्तक।

Aasmaan Se Aage by Vineet Bajpai

एक उद्यमी के रूप में जिसने जमीन पर एक-एक ईंट रखकर एक सुदृढ़ किला तैयार किया है, मैं इन राज-रहस्यों तक सीमित, किंतु बहुमूल्य पहुँच बनाने में सफल रहा हूँ। एक मैनेजमेंट लेखक और गाइड के रूप में मैं अपना यह कर्तव्य समझता हूँ कि इस सीमित किंतु अमूल्य बुद्धिमत्ता को अपने उन तमाम साथी उद्यमियों, कारोबारियों और छोटी कंपनियों के कर्मचारियों से साझा करूँ, जो इन सिद्ध हथियारों के बूते सफलता की रोशनी देखने में सक्षम बनें। यह पुस्तक तमाम गुप्त संहिता को उजागर कर पाएगी या नहीं, लेकिन यह आपको वह कॉरपोरेट योद्धा बनने में मदद करेगी, जो एक दिन विजयी बनेगा। न तो मैं आराम करूँगा और न ही आपको आराम करने दूँगा। मैं यहाँ जो स्थापित करने की कोशिश कर रहा हूँ, वह न केवल उद्यमियों, बल्कि उन तमाम कारोबारी लोगों, चाहे वे स्व-निर्मित उपक्रम या पारिवारिक कंपनियाँ चलाते हों या वे इन कंपनियों में कर्मचारी हों या बड़े संगठनों में मैनेजर हों—के छोटे और मँझोले कारोबारों को विशाल निगमों और धीमी रफ्तार वाले विभागों को लाभकारी इंजनों में तब्दील करने की शाश्वत खोज है। और हाँ, यह साधारण कॅरियरों को चमकदार व सफल कहानियों में रूपांतरित करने की चाहत है। आसमान से आगे यह दिखाने का एक प्रयास है कि ऐसा कैसे किया जा सकता है। —इसी पुस्तक से व्यापार को चमकदार बनाने के व्यावहारिक नुस्खे और सूत्र बतानेवाली यह पुस्तक न केवल छोटे एवं मँझोले व्यापार-मालिकों, उनके कर्मचारियों और तमाम तरह के उद्योगों के मैनेजरों, बल्कि युवा कार्याधिकारियों एवं मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को चमकदार कॉरपोरेट कॅरियर बनाने में समान रूप से उपयोगी है।

Aasmaan Se Oonchi Udaan by Dr. A.P.J. Abdul Kalam

‘यह आपके जीवन का सबसे अच्छा समय है, जब आप पंखों को फैलाना और उड़ना सीख रहे हैं।’ भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को युवा शक्ति पर अगाध विश्वास था। वह भारत और भारत से बाहर 2.1 करोड़ से भी अधिक बच्चों और युवाओं से मिले तथा उनसे ज्ञान की शक्ति, आकांक्षा, नैतिक व्यवहार एवं समाज में परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने देशभर के स्कूलों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में युवाओं से मुलाकात की और एक संकल्पित शिक्षक के रूप में उनसे बातचीत की। ‘आसमान से ऊँची उड़ान’ में उनके लगभग दो हजार में से चुनिंदा व्याख्यान संकलित किए गए हैं। ये व्याख्यान स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों के अलावा अन्य वर्गों के बीच दिए गए थे। उनमें से प्रत्येक में उन्होंने अपने आप को जीवन के लिए सबसे अच्छी तरह तैयार करने, चुनौतियों को जानने और उनका मुकाबला कर आगे बढ़ने तथा प्रत्येक व्यक्ति के सर्वोत्तम प्रदर्शन को सामने लाने पर बात की है। अपने और अपने शिक्षकों एवं गुरुओं के साथ ही संसार के कुछ महानतम स्त्री-पुरुषों के जीवन की घटनाओं तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई-नई खोज की चर्चा कर वे हमें उन सपनों और कठिन परिश्रम का महत्त्व बताते हैं, जिनसे उन सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है। प्रेरणा और सकारात्मक दृष्टिकोण से समृद्, जीवन के मुक्त आकाश में ऊँची उड़ान भरने की प्रेरणा देती हर भारतीय के लिए एक अनिवार्य पुस्तक।

Aatank Ke Saye Mein by Smt. Garima Sanjay

धमाकों के शुरू होते ही सारी चहलपहल ठहर गई थी। जो जहाँ था, वहीं रह गया। आतंकियों ने इतनी तेजी से पूरे होटल की अलगअलग जगहों को निशाना बनाया था कि किसी को कुछ सोचनेसमझने का मौका ही न मिला। सुरक्षाकर्मचारियों ने फिर भी बड़ी मुस्तैदी से अपना काम सँभाला, और जितना संभव हो सका, मेहमानों को उनके कमरों में, या किसी अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। अधिकतर कमरों, रेस्टोरेंट, किचेन आदि को मजबूती से बंद कर दिया गया, ताकि उसके अंदर लोग सुरक्षित रह सकें। होटल के कर्मचारियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ही बने रहने की हिदायत दे दी गई। कमरों में अँधेरा कर देने के निर्देश दे दिए गए, ताकि किसी परछाईं से भी आतंकियों को यह आभास न हो सके कि किसी कमरे में कोई है। —इसी उपन्यास से आज दुनिया के देश भय और आतंक के साये में जी रहे हैं। आतंकवाद विकास और तरक्की की राह में सबसे बड़ा अवरोध है। अतिवादियों से मानवता पीडि़त है। निरपराध लोग, यहाँ तक कि बच्चे भी इन दुर्दांतों की गोलियों का शिकार बन रहे हैं। मानवता की बलि चढ़ रही है, हिंसा का तांडव हो रहा है। प्रस्तुत उपन्यास में इस विभीषिका का सजीव चित्रण है। संभवतः ऐसी रचनात्मक कृतियाँ आतंक और हिंसा फैला रहे आतंकवादियों के दिलों को छू सकें, किसी हद तक उन्हें प्रभावित कर उनका हृदयपरिवर्तन कर सकें, ताकि मानव जाति का विनाश रुक सके। ‘आतंक के साये में’ ऐसा प्रयास है, जिसमें आतंकवाद की समस्या से लेकर सामाजिक, पारिवारिक एवं भीतरी भावनात्मक आतंक तक का विश्लेषण किया गया है।

Aatank Ki Dahashat by Tej N. Dhar

वर्ष 1990 के शुरू का कश्मीर, जब घाटी में आतंकी हिंसा चरम सीमा पर थी। हत्याएँ, आगजनी और आतंकियों का प्रकोप काले धुएँ की तरफ फैल गया था। इसलामिक और आजादी के नारे चारों ओर गूँज रहे थे। पंडितों को कश्मीर से जाने की चेतावनी दी जा रही थी और उन्हें मजबूर करने के लिए रोज एक या कई पंडितों को क्रूरता-बर्बरतापूर्वक मारा जाता था। यही सब इस डायरी रूपी उपन्यास में पूरी तरह से दरशाया गया है और आतंकियों तथा खुदगर्ज राजनीति नेताओं के फैलाए हुए झूठ कि पंडितों को जगमोहन ने निकाल दिया, को नंगा कर दिया है। बहुत ही सटीक और मार्मिक घटनाओं में पंडितों की बेबसी और मजबूरी को उजागर किया है। डायरी का नायक अकेला है और मानसिक तनाव से ग्रस्त भी। खौफ के माहौल में अपनी पुरानी यादें भी जीता है, जिससे उसका आज और भी भयानक तरीके से उभर आता है। अंत तक इसी द्वंद्व में रहता है कि घाटी में रहना चाहिए या जाना चाहिए। इसी उधेड़बुन में उसका अंत भी होता है, पर यह सवाल भी उठता है कि या उसे कश्मीरियों की तरह अपने घर में रहने का हक है या नहीं। यह मार्मिक कथा भारत के इतिहास में एक काले धबे से कम नहीं है।

Aatmvishwas Hai Jahan, Safalta Hai Wahan by Atmaprakash

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा मिले, जिसे खुद पर विश्वास होते हुए भी जीवन में सुख और सफलता न मिली हो। हाँ, ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिनके पास योग्यता और कौशल तो है, बावजूद इसके आत्मविश्वास की कमी के कारण वे जीवन में सफलता की दौड़ में पिछड़ जाते हैं। वास्तव में, हम सब यह जानते और सुनते आए हैं कि आत्मविश्वास सफलता के लिए सबसे जरूरी है; लेकिन यह आत्मविश्वास एक दिन या किसी एक मामले में नहीं आ सकता। यह एक जरूरी आदत है, जिसे हमें खुद विकसित करना होता है। हमारे हर क्रिया-कलाप में, हमारी बातों में, हमारे व्यवहार में और हमारी जीवन-शैली में आत्मविश्वास झलकना चाहिए। आत्मविश्वास है तो हर सपने को साकार किया जा सकता है। अगर आत्मविश्वास है तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।

Ab Hamen Badalna Hoga by N. Raghuraman

विगत वर्षों में हमारे अधिकतर आई.टी. कार्यालय निश्चित स्थान पर 9 से 5 के परंपरागत काम के ढर्रे से काफी आगे निकलकर मोबाइल वर्क प्लेस और सुविधानुसार समय तक पहुँच गए हैं। रिक्रूटमेंट और परफॉर्मेंस रेटिंग स्वचालित हो चुके हैं। हाजिरी मोबाइल या हस्तचालित उपकरणों के जरिए होने लगी है। अगर 10 सालों में हम निश्चित स्थान के कार्यस्थल से चलते-फिरते कार्यस्थल तक का सफर तय कर चुके हैं तो कल्पना कीजिए, अगले पाँच सालों में और क्या हो जाएगा! बड़ी कंपनियाँ नई कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा महसूस करने लगी हैं और नई कंपनियाँ कुछ बड़ी सड़कों या मॉल की खुदरा दुकानों की तरह खुल रही हैं। जागने से सोने तक का सबकुछ बदलने ही वाला है और अगर हम इस बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे तो प्रतिस्पर्धा में टिक पाना हमारे लिए कठिन होगा। अत: ऐसे परिवेश में हमें अपने आपको बदलना होगा। क्यों और कैसे बदलना होगा—यह इस पुस्तक में बताया गया है। बदलाव के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और सही सोच विकसित करनेवाली एक व्यावहारिक पुस्तक।

Abhav by Vishnu Prabhakar

हिंदी कथा-साहित्य के सुप्रसिद्ध गांधीवादी रचनाकार श्री विष्णु प्रभाकर अपने पारिवारिक परिवेश से कहानी लिखने की ओर प्रवत्त हुए। बाल्यकाल में ही उन दिनों की प्रसिद्ध रचनाएँ उन्होंने पढ़ डाली थीं। उनकी प्रथम कहानी नवंबर १९३१ के ‘हिंदी मिलाप’ में छपी। इसका कथानक बताते हुए वे लिखते हैं, ‘परिवार का स्वामी जुआ खेलता है, शराब पीता है, उस दिन दीवाली का दिन था। घर का मालिक जुए में सबकुछ लुटाकर शराब के नशे में धुत्त दरवाजे पर आकर गिरता है। घर के भीतर अंधकार है। बच्चे तरस रहे हैं कि पिताजी आएँ और मिठाई लाएँ। माँ एक ओर असहाय मूकदर्शक बनकर सबकुछ देख रही है। यही कुछ थी वह मेरी पहली कहानी।’ सन् १९५४ में प्रकाशित उनकी कहानी ‘धरती अब भी घूम रही है’ काफी लोकप्रिय हुई। लेखक का मानना है कि जितनी प्रसिद्धि उन्हें इस कहानी से मिली, उतनी चर्चित पुस्तक ‘आवारा मसीहा’ से भी नहीं मिली। श्री विष्णुजी की कहानियों पर आर्यसमाज, प्रगतिवाद और समाजवाद का गहरा प्रभाव है। पर अपनी कहानियों के व्यापक फलक के मद्देनजर उनका मानना है कि ‘मैं न आदर्शों से बँधा हूँ, न सिद्धांतों से। बस, भोगे हुए यथार्थ की पृष्ठभूमि में उस उदात्त की खोज में चलता आ रहा हूँ।...झूठ का सहारा मैंने कभी नहीं लिया।’ उदात्त, यथार्थ और सच के धरातल पर उकेरी उनकी संपूर्ण कहानियाँ हम पाठकों की सुविधा के लिए आठ खंडों में प्रस्तुत कर रहे हैं। ये कहानियाँ मनोरंजक तो हैं ही, नव पीढ़ी को आशावादी बनानेवाली, प्रेरणादायी और जीवनोन्मुख भी हैं।

Abhinav Sangraha by Karuna Pande

अभिनव संग्रह—करुणा पांडे काव्य मानव जीवन का उत्सव है और प्रकृति काव्य की आत्मा। बिना प्रकृति के मानव का जीवन अपंग जैसा ही है। मानव केवल चेतनता के साथ ही जन्म नहीं लेता, वरन् वह जड़ व चेतन दोनों की अनुपम देन है। प्राचीनकाल से ही प्रकृति मानव जीवन में रची-बसी है। प्राकृतिक सौंदर्य मानव को अलौकिक आनंद प्रदान करता है। प्रकृति के विभिन्न उपादान, यथा—रात्रि, प्रभात, पुष्प, पक्षी, जल, अंधकार, प्रकाश, समुद्र, शिला, सुगंध आदि कितने रूपों में हमारे सामने अपनी स्नेहमयी छाया बिखेरे हुए हैं। सब अपने में कितने अलौकिक गुण सहेजे हुए हैं। इनको अलग-अलग महसूस करने पर कुछ भाव मन में उठे, जो स्वतः शब्दों में ढल कविता का चोला पा गए। इन कविताओं में विभिन्न क्षणों के विभिन्न रंग हैं। देशभक्‍ति का रंग है तो देश की दुर्दशा पर विलाप भी। अंतर से निकली सहानुभूति भूखे, नंगे से तादात्म्य स्थापित करने में सक्षम है। ‘अभिनव संग्रह’ की कविताएँ हृदयस्पर्शी होने के साथ-साथ विचारोत्तेजक भी हैं। भाषा भावों एवं विचारों का अनुगमन करती है। सहज भाषा में बड़ी बात कही गई है। प्रतीकों का भी प्रयोग हुआ है। विश्‍वास है, हिंदी जगत् में इस कविता संकलन का भरपूर स्वागत होगा।

Acharya Raghuveer by Shashibala

राष्ट्रोत्थान हेतु ज्ञानमार्ग के पुजारी आचार्य रघुवीर जन-जन को आंदोलित कर उनमें अस्मिता, आत्मगौरव और स्वाभिमान का भाव जगाकर उन्हें वैचारिक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक चेतना और स्वभाषा के स्वाभिमान के मार्ग पर चला देना चाहते थे। इस पुस्तक में भारतीय धरोहर के मनीषी आचार्य रघुवीर की अद्भुत मेधा और विचारपूर्ण चिंतन के बारे में विस्तृत जानकारी है। यूरोप में विद्यार्थी के रूप में उनका अध्ययन, अनुसंधान एवं लेखन एवं भारत लौटने पर वैदिक वाङ्मय पर किया गया अनुसंधान कार्य तथा संस्कृत के उत्कर्ष का स्वप्न आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया है। संस्कृति के अग्रदूत के रूप में उनका व्यक्तित्व, सांस्कृतिक धरोहर के रक्षण एवं अनुसंधान हेतु सरस्वती विहार की स्थापना, एशिया के विभिन्न देशों में उनकी यात्राएँ, उनके द्वारा स्थापित सांस्कृतिक संबंध, उन देशों में किए गए कार्य तथा वहाँ से संगृहीत सांस्कृतिक निधियाँ आदि विषयों पर सचित्र वर्णन प्रस्तुत हैं। साथ ही आचार्य रघुवीर के राष्ट्रभाषा दर्शन पर एक विशेष अध्याय के माध्यम से उनके द्वारा निर्मित पारिभाषिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली, उनकी दृष्टि से राष्ट्रभाषा का स्वरूप, बृहत् आंग्ल-भारतीय शब्दकोश की रचना, संसदीय हिंदी की नींव, प्रांतीय भाषाओं का गौरव, राष्ट्रीय एकता का माध्यम संस्कृतनिष्ठ हिंदी, अंग्रेजी-हिंदी शब्द-कोश का निर्माण तथा देवनागरी अक्षरों का मुद्रलिख (टाइपराइटर) बनवाना आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया है। प्रखर चिंतक, विचारक, राष्ट्रभाषा के प्रबल पैरोकार, भविष्यद्रष्टा और उत्कृष्ट देशभक्त आचार्य रघुवीर की प्रेरणाप्रद जीवनी।

Acharyon Ke Prerak Prasang by Dinanath Batra

एक अच्छा शिक्षक ज्ञान-केंद्रित होता है। विद्यार्थी की उपलब्धियों तथा उसे उच्चतम तक पहुँचाने की आकांक्षाओं के लिए सदा-सर्वदा सहायक सिद्ध होता है। अच्छे विद्यार्थी अच्छे आचार्य के संरक्षण में सुंदर गुलाब के फूलों के समान विकसित होते हैं और अपनी सुरभि से वातावरण को सुगंधित कर देते हैं। विद्यार्थी स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं। गुणों को अर्जित कर उन्नति-पथ पर अग्रसर होते हैं। इस प्रक्रिया में आचार्य का हस्तक्षेप गौण रहता है। आचार्य विद्यार्थियों की रुचि तथा अभिरुचि का ध्यान रखकर, उसकी अंगुली पकड़ सर्वप्रथम उसके साथ कदम मिलाकर चलता है; फिर उसे प्रगति का एहसास कराकर उसका साथ छोड़ देता है; तदुरांत वह प्राकृतिक रूप से अपना रूपांतरण तथा अपेक्षित परिवर्तन कर अपने पथ पर अग्रसर होता है और निर्दिष्ट स्थान पर पहुँच जाता है। विद्यार्थी को उच्च स्थान पर पहुँचा देख आचार्य कितना प्रसन्न होता है, इसकी कोई सीमा नहीं रहती। आदर्श आचार्य तथा आदर्श विद्यार्थी के स्नेहिल मिलन से रोमांचक तथा स्मरणीय परिणाम देखने को मिलते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में संकलित हैं ऐसे ही कुछ प्रेरणादायक प्रसंग, जो देखने में छोटे, परंतु प्रेरणा देने में अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण हैं। इसमें आचार्यों के जीवन का निचोड़, दिशा-निर्देशन तथा सभी अध्यापकों के लिए मार्गदर्शन है। इसको पढ़कर मास्टर-अध्यापक आचार्य में परिवर्तित हो जाएँगे। अतः यह पुस्तक न केवल आचार्यों के लिए अपितु शिक्षा क्षेत्र में कार्य करनेवाले सभी कार्यकर्ताओं के लिए मूल्यवान है।

Achchha Bolne Ki Kala Aur Kamyabi by Dale Carnegie

प्रखर वक्ता होना, ओजस्वी वाणी का स्वामी होना, प्रभावी शैली में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने की क्षमता जिसमें हो, वह सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक सफल होने की संभावना रखता है। बातचीत करना भाषण की कला सीखने का सबसे पहला सिद्धांत है। शुरुआती दौर में स्वर एवं अंदाज जैसी कलाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है। बातचीत करना कला को सीखने का पहला सिद्धांत है; अर्थात् बोलिए, वादविवाद में हिस्सा लीजिए, अपनी प्रतिभा का स्वयं आकलन कीजिए और दर्शकों की आलोचना से सीखने की कोशिश कीजिए। सवाल है कि खुद की गलतियों को कैसे समझा जाए? इसके लिए कुछ तथ्यों को समझने की आवश्यकता है—महान् वक्ता में कौन से विशेष गुण होते हैं और उन गुणों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है? स्वयं के व्यक्तित्व में ऐसी कौन सी कमी है, जो इन गुणों की प्राप्ति में बाधा बन सकती है? इस विषय पर महान् लेखक डेल कारनेगी की सदाबहार एवं सर्वाधिक पसंद की जानेवाली इस पुस्तक के द्वारा कोई भी सामान्य व्यक्ति दर्शकों के समक्ष बोलने के क्षेत्र में कामयाबी के शिखर तक पहुँच सकता है।

Achchhe Leader Banen by Shyam Taneja

यह पुस्तक उन सभी के लिए लिखी गई है, जो अपनी क्षमताओं को खोजना चाहते हैं और अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। यह उन सबके लिए उपयोगी है, जो अपनी सफलताओं में वृद्धि कर एक संपूर्ण व्यक्ति बन सकें। ‘नेतृत्व’ (लीडरशिप) और ‘आत्म-विकास’ (सेल्फ डेवलपमेंट) की अवधारणा को समझने में जो सिद्धांत प्रत्येक की मदद कर सके, उन्हें इस पुस्तक में प्रभावी ढंग से संकलित किया गया है। यह वह पुस्तक है, जो प्रत्येक को जीवन की गुणवत्ता में सुधार और व्यक्तिगत या व्यावसायिक उपलब्धियों में मदद कर सकती है।

Achchhi English Likhna Seekhen by Author: a.K. Gandhi

आज अंग्रेजी जिस प्रकार हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण हो चली है, इसे सही प्रकार से लिखना-सीखना लगभग प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक हो गया है। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने अपने जीवन के प्रायौगिक अनुभवों का उपयोग करते हुए इस पुस्तक को लिखा है। इसमें दी गई तकनीक छात्रों पर प्रयोग में बहुत सफल पाई गई है, इसीलिए इस पुस्तक की रचना का निर्णय लिया गया। यह पुस्तक न केवल लेखन की कला के विभिन्न पक्षों से संबंधित है, वरन् यह अनेक ऐसे बिंदुओं व प्रश्नों का निराकरण भी करती है, जो लिखते समय किसी के भी मस्तिष्क में उठते हैं। प्रत्येक बिंदु का वर्णन करते समय उपयुक्त उदाहरणों का समावेश किया गया है, ताकि पाठकगण उसे भली-भाँति समझ पाएँ तथा व्यवहार में ला पाएँ। इस पुस्तक को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए पुस्तक में 44 लघु तथा 32 दीर्घ निबंधों के अतिरिक्त कुछ प्रार्थना-पत्र, पत्र आदि को संकलित किया गया है, ताकि पाठक, विशेषकर छात्र, विभिन्न प्रकार की विधाओं से परिचित हो सकें तथा अन्यान्य प्रयोजनों के लिए वे अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकें। अंग्रेजी भाषा के सम्यक् ज्ञान को बढ़ाने के साथ अच्छी English लिखने का गहन अभ्यास करानेवाली अत्यंत उपयोगी पुस्तक।

Achchhi Hindi Kaise Likhen by Sant Sameer

आप विद्यार्थी हैं, अध्यापक हैं, लेखक हैं, पत्रकार हैं या आम पाठक—यदि हिंदी पढ़ने-लिखने में आपकी थोड़ी भी रुचि है तो आपके काम की कुछ-न-कुछ मानसिक खुराक इस पुस्तक में जरूर मिलेगी। यों यह पुस्तक छात्र समुदाय को विशेष रूप से संबोधित है, पर अपने पूरे कलेवर में प्रायः हर वर्ग के हिंदी-प्रेमियों के लिए उपयोगी है। हिंदी की लिखत-पढ़त में लगे लोग इसे पढ़कर अपनी भाषा को प्रवाहमयी बना सकते हैं तथा रोजमर्रा के व्यवहार में होनेवाली अनेकानेक गलतियों को सुधार सकते हैं। विद्यार्थी वर्ग को विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी में इससे भरपूर मदद मिलेगी। इस पुस्तक की एक विशिष्‍टता यह भी है कि इसमें सृजनात्मक लेखन पर भी उपयोगी जानकारी दी गई है। ऐसे में लेखक-पत्रकार बनने की राह पर चल रहे लोगों को भी यह जरूर लुभाएगी। भाषा-विमर्श प्रायः उबाऊ विषय माना जाता रहा है; पर यह पुस्तक अपने तमाम अध्यायों में एकरसता को तोड़ती है। अलग-अलग चित्तवृत्तियों में लिखी होने के चलते, पुरानी हिंदी से लेकर नई हिंदी तक, कई तरह की भाषा की छटाएँ इस पुस्तक के पन्ने-दर-पन्ने पर दिखाई देंगी। इसका भी एक अलग आस्वाद होगा। आशा है, हिंदी भाषा के विमर्श में यह पुस्तक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Acid Wali Ladki by Pratibha Jyoti

यह पुस्तक करुण और मर्मांतक दास्तान है उन पीडि़तों की, जिन पर एसिड उड़ेलकर उनकी जिंदगी नर्क बना दी गई। यह दस्तावेज है, उन अनसुनी-अनकही हकीकतों का, जिन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया। एसिड हमले के बाद पीडि़त किस किस्म की शारीरिक और मानसिक यंत्रणा से गुजरती है; वो और उसका परिवार कैसे टूटता चला जाता है और सिस्टम कैसे मूकदर्शक बनकर सबकुछ देखता रह जाता है, यह पुस्तक उसी की छानबीन है। पीडि़तों के संघर्ष के मनोवैज्ञानिक पहलू भी बेहद विचलित करनेवाले हैं, जिनका इस पुस्तक में गहराई से विश्लेषण है। समाज में एसिड फेंककर किसी का जीवन बरबाद कर देनेवाली बढ़ती घटनाओं के प्रति आक्रोश, उनको रोकने के प्रयास और पीडि़तों के संघर्ष की सफल-गाथा है यह पुस्तक।

Adamya Utsaha  by A P J Abdul Kalam

भारत में मिसाइल के जनक, विश्वविख्यात वैज्ञानिक भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अद्भुत जिजीविषा और विलक्षण दूरदृष्टि के स्वामी थे। उन्होंने अपने प्रेरक विचारों से समाज को दिशा दी, हर भारतीय को प्रेरणा दी। उनके संबोधनों का यह संग्रह युवाओं का मार्गदर्शन करेगा, जिससे कि वे विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से भारत को विकास के पथ पर ले जा सकें। भारत की कृषि, अर्थव्यवस्था, वातावरण एवं नागरिकों के स्वास्थ्य को सही तकनीक के प्रयोग से लाभ पहुँचाने तथा उनमें सुधार करने के लिए डॉ. कलाम के अत्यधिक शिक्षाप्रद और सूचनात्मक भावों का यह विचार-पुंज अत्यंत प्रभावी और उपयोगी सिद्ध होगा। डॉ. कलाम ने जहाँ एक ओर बच्चों में सतत विकास और नवाचार के लिए उत्साह के बीज बोए, वहीं दूसरी तरफ वयस्क भी उनके विचारों से अछूते नहीं रहे। यह संकलन उन लोगों के लिए मन को मोह लेनेवाला अध्ययन होगा, जो डॉ. कलाम के मानवीय दृष्टिकोण तथा विचारों को पढ़ने में दिलचस्पी रखते हैं। इन भाषणों से पाठकों को डॉ. कलाम की ज्ञानसंपन्नता, विविध विषयों की सूक्ष्म जानकारियाँ और सर्वस्व राष्ट्र को समर्पित करने के महती भाव का बोध होगा।

Adarsh Balak-Balikayen by Madan Gopal Sinhal

पूत के पैर पालने में ही दीख जाते हैं, किंतु उन पैरों को देखने की क्षमता सभी में नहीं होती। बहुधा पैरों को बड़प्पन मिलने पर ही पालने की खोज होती है और फिर पालने के छोटे पैर भी बड़े हो जाते हैं; किंतु भारतीय इतिहास में उन सपूतों की भी कमी नहीं, जो पालने में ही अपने बड़प्पन को प्रकट करके राष्‍ट्र-जीवन पर स्थायी छाप लगा गए। हँसते शैशव से राष्‍ट्र की आराधना करनेवालों का यह चरित्र-चित्रण है। बड़ों के बचपन की अपेक्षा बचपन का बड़प्पन अधिक महत्त्व का है, क्योंकि वह समाज के उच्च स्तर एवं अंतर्भूत शक्‍त‌ि का द्योतक है। खेलने और खाने की उम्र में त्याग और बलिदान, वीरता और धीरता, सेवा एवं तपस्या के इतने महान् उदाहरण समाज के संस्कारी जीवन में मिल सकते हैं। जिन संस्कारों ने ये बालवीर उत्पन्न किए उनकी ओर ध्यान दिया गया तो आज भी भारत के बच्चों में शतमन्यु और अभिमन्यु जन्म लेंगे। श्री मदनगोपाल सिंहलजी की प्रस्तुत पुस्तक बाल जीवन पर प्रभावी संस्कार डालने के लिए ही लिखी गई है। इन अनमोल हीरों के जौहरी को जिस दिन आज के समाज-जीवन में से हीरे खरीदकर उनके समकक्ष बिठाने का अवसर मिलेगा, उस दिन लेखक का प्रयास सफल होगा। —दीनदयाल उपाध्याय

Adarsh Jeevan Ki Prerak Kahaniyan by J.P. Vaswani

आज संसार जिसजिस संकट से जूझ रहा है, वह मुख्यतः पहचान का संकट है। लोग स्वयं की पहचान लिंग, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता जैसे सीमित लक्षणों से करते हैं और भूल जाते हैं कि वे सार्वभौमिक आत्मा का हिस्सा हैं। इन सीमित पहचानों से अंतरराष्ट्रीय और व्यक्तिगत स्तर पर संघर्ष उत्पन्न होते हैं। विविध पृष्ठभूमि के लोगों को साथ लाने और उन्हें अपनी सार्वभौमिक शिक्षा से संगठित करने के लिए दादा जे.पी. वासवानी कई दशकों से अनवरत कार्य कर रहे हैं। इसी दिशा में यह पुस्तक एक स्तुत्य प्रयास है। गहन ज्ञान की छाप छोड़ने में कहानियाँ युगोंयुगों से अत्यधिक प्रभावशाली व मनोरंजक माध्यम रही हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि दादा वासवानी की ज्ञानधारा से सृजित इस संकलन की प्रेरक कहानियाँ आपके जीवन को नई ऊँचाई देंगी, आपके भीतर की मनुष्यता को जाग्रत् करेंगी और आप ईश्वर की अनुपम भेंट मानव जीवन को देवत्व देने के मार्ग पर अग्रसर होंगे। जीवन को आदर्श बनानेवाली कहानियों में सन्निहित ज्ञान को ग्रहण करते हुए पाठक लाभान्वित होंगे, आनंदित होंगे।

Adbhut Ganitajna Srinivas Ramanujan by N K Govil / Bhudev Sharma

अद्भुत गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और कृतित्व दोनों से परिचय प्राप्त करना किसी को भी मानव प्रतिभा की संभावनाओं के संबंध में चमत्कृत करने के लिए पर्याप्त है। गणित के क्षेत्र में विश्व में कदाचित् ही कोई व्यक्ति रामानुजन के नाम से अपरिचित होगा। रामानुजन का गणित का कार्य सरल नहीं माना जाता है। कुछ गणितज्ञ तो उनके सूत्रों को अत्यंत जटिल मानते हैं। वे हिंदी के माध्यम से उन सूत्रों को प्रस्तुत करके अपने आपको एक बड़ी चुनौती में खरा उतरने का दावा नहीं करते हैं। विश्व की विभिन्न भाषाओं में उनके जीवन पर आधारित अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं, किंतु हिंदी-भाषी पाठकों के लिए रोचक शैली में लिखित यह जानकारीपरक पुस्तक रामानुजन के जीवन को तथा उनके विश्व-विख्यात कृतित्व को प्रस्तुत करने की एक कसौटी है। पुस्तक में आरंभ के अध्यायों में रामानुजन के जीवन तथा परिस्थितियों पर प्रकाश डाला गया है तथा भारतीय संस्कृति एवं परंपरा पर उनकी मान्यताओं को स्थान दिया गया है। प्रथम भाग में कहीं-कहीं गणित के कुछ उद्धरण आए हैं, जिनका उल्लेख करना आवश्यक था। बाद के अध्यायों में उनके द्वारा किए गए गणित के कार्य का संक्षिप्त, रोचक व ज्ञानप्रद प्रस्तुतीकरण है। विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक पढ़कर पाठकगण श्रीनिवास रामानुजन के कृतित्व से न केवल परिचित होंगे, बल्कि प्रेरणा भी ग्रहण करेंगे।

Adbhut Prem Ki Vichitra Katha by Ashwini Bhatnagar

डैनी अमीरों का नौशा बनकर दूर कहीं चमकते सितारे से उठी झंकार के साथ बह गया था। झंकार खत्म नहीं हुई थी, पर उसका बहना ठहर गया था। उसके पैर जम रहे थे और हालाँकि दूर सितारे की सदा उसके जेहन में अब भी गूँज रही थी, पर उसकी कंपन अब महसूस नहीं हो रही थी। डैनी ने गिरिजा को बेहद चाहा था। उसका साथ पाकर उसे लगा था कि दुनिया में उससे बड़ा खुशनसीब कोई नहीं था। वह गिरिजा में घुला जा रहा था, पर बुलावा उसको खींचे लिये जा रहा था। गिरिजा उसका हाथ पकड़कर अपने पास बैठा सकती थी, पर उसने हाथ को धीरे-धीरे छूटने दिया था। वह एक ऐसा ख्वाब थी, जो हकीकत के छोर को छूते ही सहम गई थी; पर जब तक वह हकीकत और अफसाने के बीच थी, उसने डैनी को अपने मखमली आगोश में बेपनाह रोमांच दिया था। सच्चे प्रेम को एक अलग, विशिष्ट और विचित्र ढंग से रेखांकित करता अत्यंत पठनीय उपन्यास।